अयोध्या में भव्य राम मंदिर में त्रिदिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत हो चुकी है। यह विशेष धार्मिक अनुष्ठान 3 जून से प्रारंभ होकर 5 जून को अपने मुख्य आयोजन के साथ सम्पन्न होगा। वैदिक रीति-रिवाजों और वेदपाठ के बीच यह आयोजन श्रीरामलला की दिव्यता और मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा को और भी सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
तीन दिवसीय समारोह की शुरुआत मंगलवार को मंदिर परिसर में गणपति पूजन, अचला स्थापना और नवग्रह पूजन के साथ हुई। देशभर से आए विद्वान आचार्यों और पुरोहितों की उपस्थिति में मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना संपन्न हुई। भक्तों के लिए मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
5 जून को प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान होगा, जिसमें विशेष यज्ञ और हवन किया जाएगा। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख संतों और अन्य धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की उपस्थिति अपेक्षित है। आयोजन को लेकर अयोध्या प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन हेतु विशेष प्रबंध किए गए हैं।
राम मंदिर निर्माण के पहले चरण के बाद यह पहला महत्वपूर्ण धार्मिक समारोह है, जिससे जुड़े लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह चरम पर है। मंदिर परिसर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
यह आयोजन मंदिर की आध्यात्मिक परंपरा को समर्पित एक ऐतिहासिक क्षण है, जो श्रीराम के प्रति समर्पण की भावनाओं को और गहरा करता है।