कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज परिसर में हुई चिंताजनक घटना में 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म को लेकर पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई शुरू की है। घटना बुधवार की शाम हुई थी और पुलिस ने तुरंत एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया ताकि मामले की हर तह तक़ पहुँचा जा सके।
🔍 CCTV फुटेज से शुरुआत
जांच में मिले लगभग सात घंटे के CCTV फुटेज ने शुरुआती रूप से बड़ी भूमिका निभाई। फुटेज में छात्रा को गार्ड रूम की ओर भागते हुए दिखाया गया है, जहाँ दो संदिग्ध उसे वापस लाकर वहीं बंधक बनाए रखते हैं । यह सीसीटीवी सबूत आरोपियों द्वारा दी गई “सम्मति” की कथित कहानी पर सवाल उठाते हैं, क्योंकि वीडियो की स्क्रिप्ट पूरी घटना से मेल खाती है ।
📱 मोबाइल वीडियोज़ और डिजिटली फॉरेंसिक जांच
पुलिस ने मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के मोबाइल फोन से 90‑सेकंड तक की लघु वीडियो क्लिप्स बरामद की हैं, जो उस समय की क्रियाओं को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। इसके साथ ही, उसके मोबाइल में सेक्स वीडियो और अश्लील सामग्री पाए जाने की भी पुष्टि हुई है । इन सभी सामग्रियों को सॉल्ट लेक के डिजिटल फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है ।
🧬 DNA जांच से सच्चाई की राह
जांच एजेंसियों ने पीड़िता और तीनों आरोपियों से Biological Swab (डीएनए) सैंपल लिए हैं । आरोपी मनोजीत के पहनावे, मोबाइल और घटनास्थल से मिली वस्तुओं — जैसे बालों के गुच्छे, सीमन के दाग — को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया है ।
🧑⚖️ SIT की विस्तृत कार्रवाई
-पुलिस ने कुल 9 सदस्यों की SIT टीम को गठित करके जांच में तेजी लाई है ।
-तीन कमरे—स्टूडेंट यूनियन रूम, वॉशरूम व गार्ड रूम—की फोरेंसिक जांच में उपयोगी साक्ष्य जुटाए गए हैं ।
-पीड़िता का गहना बयान रिकॉर्ड किया गया, और मेडिकल रिपोर्ट में गर्दन पर खरोंच व यौन उत्पीड़न के निशान दर्ज किए गए हैं ।
तीनों आरोपियों के बयान में बार-बार विरोधाभास पाए गए हैं, जो SIT के लिए नई चुनौतियाँ पेश कर रहे हैं ।
🛡️ आगे की कार्यवाही और चुनौतियाँ
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डिजिटल तथा DNA साक्ष्य केस को मजबूत आधार प्रदान कर रहे हैं।
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CCTV फुटेज ने हादसे के समय-सह-क्षेत्र संबंधी तथ्यों को उजागर किया है।
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फोरेंसिक विश्लेषण से स्पष्ट हो सकेगा कि पीड़िता व आरोपियों के बीच कितनी शारीरिक संपर्क हुई थी, जिससे "सम्मति" का मुद्दा भी निर्णायक दृष्टि से देखा जाएगा।
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कोलकाता पुलिस की अब तक की कार्रवाई में वीडियो, CCTV, फोरेंसिक व DNA जांच शामिल है, जिसने मामले में महत्वपूर्ण सबूत एकत्रित किए हैं। SIT की निरन्तर कार्रवाई और जल्द सुनवाई, इस जघन्य काण्ड की न्यायिक प्रक्रिया को गति प्रदान करेगी।