उत्तराखंड में 29 जून 2025 की सुबह से ही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। पहाड़ों में भूस्खलन, नदियों में उफान और पुल—सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, जिससे यातायात और जनजीवन बेहाल हो चुका है। खासकर बड़ीनाथ हाईवे पर हालात चिंताजनक हैं — सिरोबगढ़, नंदप्रयाग और भनेरपानी के पास मलबे से मार्ग बंद हो गया, जिससे हजारों यात्री वहीं फँस गए हैं।
🌧️ तबाही के मुख्य आयाम
1. बद्रीनाथ–ऋषिकेश राजमार्ग बंद:
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चमोली जिले के सिरोबगढ़, नंदप्रयाग व भनेरपानी में पहाड़ी से भारी मलबा गिरने से मार्ग क्षतिग्रस्त हुए। राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया ।
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अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, करीब सात घंटे तक करीब 3,000 यात्री प्रमुख बिंदुओं पर फंसे रहे ।
2. यात्री एवं प्रशासनिक कदम:
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फंसे यात्रियों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर रोका, और हाईवे खुलने तक पानी-बिस्कुट उपलब्ध कराया गया ।
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प्रशासन ने जेसीबी‑इंजन लगाकर मलबा हटाने की धावा बोली; दोनों छोरों पर पुलिस तैनात कर यात्रियों की बारी-बारी से आवाजाही शुरू कराई गई ।
3. चारधाम यात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव:
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बद्रीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में यात्रा पूरी तरह प्रभावित, पर्यटक रुक गए हैं ।
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सोनप्रयाग–मुनकटिया मार्ग भी मलबे से अवरुद्ध हो गया, जिससे केदारनाथ यात्रा के रास्ते पर रोक लग गई थी; चारधाम पुलिस ने यात्रियों को পুলিশের नियंत्रण में सुरक्षित स्थानों पर रोका ।
4. मौसम का चेतावनी अलर्ट:
5. अन्य इलाकों की स्थिति:
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चमोली में नंदप्रयाग–नंदानगर मार्ग समेत 72 सड़कें बंद हैं, करीब 40,000 लोग कटेावद्द हो चुके हैं ।
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पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में नदी-नाले उफान पर, घाटें जलमग्न; बिजली गुल और आपात सेवाएँ प्रभावित ।
🔎 प्रशासन क्या कर रहा है?
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ज़िला प्रशासन और SDRF‑पुलिस‑एनएचआईडीसीएल‑जेसीबी मशीनों की मदद से भू–मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है ।
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रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक गंगोत्री‑यमुनोत्री मार्गों पर नाइट कर्फ्यू लगाया गया है ताकि संभावित भूस्खलन से बचा जा सके ।
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आने वाले दिनों में संभावित बाढ़ से निपटने के लिए आपदा प्रतिक्रिया योजना तैयार की जा रही है ।
🚧 सावधानियाँ और सुझाव
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चारधाम यात्रा करने वाले यात्री मौसम अपडेट लगातार पाएं और अधिकारियों की सलाह का पालन करें।
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रुकावट वाले मार्गों में केवल प्रशासन द्वारा अनुमति मिलने के बाद ही आगे बढ़ें।
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सुरक्षा मन्त्र: "यात्रा में धैर्य और चारधाम के लिए अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है।"
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आपदा प्रबंधन विभाग से सहायता करें, और जरूरी संपर्क नम्बरों को याद रखें।
29 जून 2025 को उत्तराखंड में भारी बारिश और मलबे ने पहाड़ी इलाकों में गंभीर तबाही मचाई है। बद्रीनाथ–ऋषिकेश हाईवे बंद होने से चारधाम यात्राएँ प्रभावित हुईं, सैकड़ों निवासी कट गए, और यात्री फँसे। हालांकि प्रशासन और राहत टीमें सक्रिय हैं, लेकिन मौसम के बिगड़ते मिजाज़ ने चुनौतियाँ और बढ़ा दी हैं। आगामी 2–3 दिनों में मानसूनी गतिविधि तेज रहेगी, इसलिए यात्री, स्थानीय लोग और प्रशासन सभी को सतर्क रहना होगा।