28 जून 2025 को इजराइल द्वारा गाज़ा पट्टी पर फिर से निर्णायक हवाई हमले किए गए, जिनमें कम से कम 34 लोग मारे गए—शाम और रात के शुरुआती घंटों में हुई इन बमबारी की खबर स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी । यह हमले ऐसे समय में हुए जब दोनों पक्षों के बीच वार्ता के जरिए शांतिपूर्ण समाधान की संभावना बनी हुई थी। एक और रिपोर्ट के अनुसार, इसी हमले में संयुक्त राष्ट्र सहायता वितरण केंद्र के पास भी हवाई हमले हुए और वहां भी नागरिकों की मौतें हुईं ।
यह संकट इस बात का संकेत है कि गाज़ा में मौजूदा स्थिति कितनी पेचीदा है—एक ओर संघर्ष जारी है, दूसरी ओर बंदूक की आवाज़ के बीच मानवीय मदद पहुँचाने के प्रयास सुर्खियों में हैं। हाल ही में गज़ा होती ऑपरेशन रुका था और बातचीत की उम्मीदें थीं, लेकिन वार्ता अस्थिर बनी हुई है। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने आशा जताई है कि आने वाले एक सप्ताह में एक व्यापक सीज़फ़ायर पर सहमति हो सकती है ।
गज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आतंक शुरू होने (अक्टूबर 2023) से अब तक 56,000 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि की है । इनमें से लगभग आधी पीड़ित महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग बताए गए हैं। मार्च में जब पहले के सीज़फ़ायर टूटे थे, तब से अब तक करीब 6,000 और लोग मारे गए हैं ।
स्थिति इस तथ्य से और अंधेरी हो गई है कि कई लोगों की जान उनके खाना लेने के दौरान तत्कालीन हमले में चली गई—यूएन ओर हेल्थ एजेंसियों के अनुसार, 500 से ऊपर लोग राहत सामग्री वितरण केंद्रों के नज़दीक गोलियों की चपेट में मारे गए हैं । ये हमले टैंकों और ड्रोन द्वारा की गई गोलियों और बमों की वजह से थे, जिसे स्थानीय स्वास्थ्य सूत्रों ने 'गैर-सैन्य उद्देश्य के हमले' बताया है ।
मानवीय स्थिति पहले से गम्भीर थी—इजराइली नाकेबंदी के चलते कई हफ्तों तक भोजन, पानी और ईंधन आने बंद हो गए थे। हाल ही में बहाल की गई सहयोग की काफ़ी मात्रा सीमित निकली और ज़मीनी हालात सुधारने में असफल रही ।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। क़तर और अमेरिका मध्यस्थता की कोशिशें कर रहे हैं, और ट्रम्प जैसे बाहरी नेता ने आशा जतायी है कि कुछ वक़्त में सीज़फ़ायर हो सकता है । हालांकि, इजराइल की शर्तें—जिसमें हमास की 'निरस्त्रीकरण' शामिल है—और हमास की मांगें—स्थायी युद्धविराम—स्थिति को जटिल बनाए हुए हैं ।
संक्षेप में:
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गाज़ा में हुए हवाई हमलों में 34 से अधिक की जान गयी, और संघर्ष के दौरान कुल मौतें 56,000 से पार हो चुकी हैं।
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राहत अभियानों के दौरान सैकड़ों लोग गोलियों की चपेट में आ गए।
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सीमित सहायता के बीच मानवीय संकट गहरा रहा है।
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सीमित राजनयिक धाराएँ बनी हुई हैं, लेकिन स्थायी समाधान दूर दिखाई देता है।
यह संकट मानवीय, राजनैतिक और सुरक्षा सभी दृष्टियों से एक गहरी चुनौती खड़ी कर रहा है। गाज़ा के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न सिर्फ लाइनों पर लड़ाई रुकनी होगी, बल्कि संवाद, समर्थन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की तत्काल आवश्यकता है।