पंजाब से लेकर राजस्थान तक भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। खेत डूब गए हैं, सड़कें टूटी पड़ी हैं और हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में भी राहत की उम्मीद कम ही है।
पंजाब में हालात बिगड़े
पंजाब के फिरोजपुर, होशियारपुर, लुधियाना और गुरदासपुर जिलों में भारी बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। सतलुज और ब्यास नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खेतों में खड़ी धान और मक्के की फसलें बर्बाद हो रही हैं, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक झटका लगने की आशंका है। कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है और प्रशासन नावों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है।
राजस्थान भी डूबा पानी में
राजस्थान के सीकर, जयपुर, अलवर और भरतपुर जिलों में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। शहरों की मुख्य सड़कें जलमग्न हो गई हैं और कई कॉलोनियों में घरों में घुटनों तक पानी भर चुका है। अजमेर और टोंक के कुछ हिस्सों में हालात इतने खराब हैं कि लोगों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट करना पड़ा है।
प्रशासन की चुनौतियां
दोनों राज्यों में प्रशासन युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चला रहा है, लेकिन लगातार बारिश से मुश्किलें बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तैनात की गई हैं। राहत सामग्री और दवाइयों की आपूर्ति तेज की गई है। बिजली और संचार व्यवस्था भी कई जगह ठप हो चुकी है, जिससे हालात और गंभीर बन गए हैं।
आगे का मौसम पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 2-3 दिनों तक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। ऐसे में बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी और बढ़ने का खतरा है।
जनता की उम्मीदें
लोग सरकार और प्रशासन से राहत और पुनर्वास की उम्मीद कर रहे हैं। किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जबकि आम जनता को जल्द से जल्द सामान्य जीवन पटरी पर लौटने की आस है।
पंजाब से राजस्थान तक बारिश और बाढ़ की यह मार फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही। फसल से लेकर जीवन तक सब प्रभावित है। अब देखना होगा कि प्रशासन और सरकार मिलकर इस आपदा से निपटने में कितनी तेजी दिखाते हैं।