लगातार बारिश और बाढ़ से तबाह हुए किसानों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही किसानों को अपने खेतों में जमा रेत बेचने की भी अनुमति दी जाएगी, ताकि वे अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकें।
सरकार के अनुसार, यह कदम बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों और बर्बाद हुई जमीन की भरपाई में किसानों की मदद करेगा। खेतों में फैली रेत से खेती करना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में उसे बेचने की छूट से किसानों को आर्थिक सहारा मिलेगा।
इसके अलावा, बाढ़ में अपनी जान गंवाने वाले परिवारों के लिए भी मुआवजे का प्रावधान किया गया है। मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस कठिन समय में हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया गया है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में मेडिकल कैंप और अस्थायी आश्रय गृह बनाए जा रहे हैं। साथ ही पीड़ित परिवारों को राशन, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घोषणा से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि बाढ़ ने उनकी फसलें बर्बाद कर दी हैं और आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। वहीं, विपक्ष ने सरकार से मांग की है कि किसानों को लंबे समय तक सहायता उपलब्ध कराई जाए और भविष्य में इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए ठोस नीति बनाई जाए।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाएगी और किसी भी पात्र किसान को सहायता राशि से वंचित नहीं किया जाएगा। जल्द ही प्रभावित किसानों के सर्वे का काम पूरा कर उन्हें राहत राशि दी जाएगी।
इस फैसले से स्पष्ट है कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और राहत पहुंचाने के लिए त्वरित कदम उठा रही है। अब किसानों की नजर इस पर टिकी है कि वादे कितनी तेजी से जमीन पर उतरते हैं।