रूस ने एक बार फिर वैश्विक सैन्य संतुलन को चुनौती देते हुए दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड क्रूज़ मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसकी रेंज लगभग अनलिमिटेड है और यह किसी भी मौजूदा एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है। इस ऐतिहासिक परीक्षण की पुष्टि खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की है।
🔹 अनलिमिटेड रेंज और "अजेय" मिसाइल
रूस की इस नई मिसाइल का नाम “बुरेवेस्टनिक” (Burevestnik) है, जिसे पश्चिमी विश्लेषक "Skyfall" नाम से भी जानते हैं। पुतिन के अनुसार, यह मिसाइल परमाणु इंजन से संचालित होती है, जिससे इसकी उड़ान रेंज लगभग सीमाहीन (Unlimited) हो जाती है। यानी यह मिसाइल पृथ्वी के किसी भी कोने में मौजूद लक्ष्य को भेद सकती है।
रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह मिसाइल इतनी तेज और लचीली है कि कोई भी मौजूदा मिसाइल डिफेंस सिस्टम इसे रोक नहीं सकता।
🔹 वैश्विक सुरक्षा के लिए नया खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस परीक्षण ने विश्व सुरक्षा ढांचे को हिला दिया है। अमेरिका और नाटो देश पहले से ही रूस की मिसाइल क्षमता को लेकर चिंतित हैं। अब इस मिसाइल के आने से रणनीतिक हथियार नियंत्रण समझौते (Strategic Arms Control Agreements) पर नया दबाव बन सकता है।
अमेरिकी रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि अगर रूस ने इस मिसाइल को सक्रिय तैनाती दी, तो यह परमाणु हथियारों की नई दौड़ (Nuclear Arms Race) को जन्म दे सकता है।
🔹 पुतिन की चेतावनी: “रूस के खिलाफ कोई नहीं टिकेगा”
क्रेमलिन में आयोजित कार्यक्रम में पुतिन ने कहा, “रूस की सुरक्षा और संप्रभुता को कोई चुनौती नहीं दे सकता। हमारी तकनीक इतनी उन्नत है कि कोई भी देश हमारे बचाव तंत्र को पार नहीं कर सकता।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह मिसाइल रूस के रक्षा तंत्र को “अजेय” बनाएगी और “संतुलन के लिए आवश्यक जवाब” है।
🔹 पर्यावरणीय खतरे और तकनीकी सवाल
हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने इस मिसाइल को लेकर पर्यावरणीय चिंताएं भी जताई हैं। परमाणु-संचालित इंजन से रेडियोधर्मी उत्सर्जन की आशंका जताई जा रही है। 2019 में रूस में इसी मिसाइल के परीक्षण के दौरान एक हादसे में वैज्ञानिकों की मौत हुई थी, जिससे आसपास के क्षेत्र में रेडिएशन बढ़ गया था।
इसलिए पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी मिसाइलों का परीक्षण पृथ्वी के वायुमंडल और मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
🔹 रूस की बढ़ती सैन्य शक्ति
रूस पहले से ही हाइपरसोनिक हथियारों, इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों और ड्रोन तकनीक में तेजी से प्रगति कर रहा है। अब “बुरेवेस्टनिक” के सफल परीक्षण के साथ वह एक बार फिर यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि रूस वैश्विक सैन्य तकनीक का अग्रणी केंद्र है।