भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 17 से 23 नवंबर के बीच देश के कई हिस्सों में भारी बारिश और तापमान में तीव्र गिरावट को लेकर अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर जैसी स्थिति बन सकती है, जबकि पूर्वोत्तर से दक्षिणी राज्यों तक व्यापक बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय निम्न दबाव क्षेत्र के कारण यह परिस्थिति बनी है, जिसके चलते बारिश और तापमान दोनों पर बड़ा असर पड़ेगा।
पूर्वोत्तर राज्यों—असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा—में 17 से 20 नवंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश के आसार हैं। IMD ने इन क्षेत्रों के लिए येलो से लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। साथ ही, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना भी जताई गई है, जिसका असर उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में दिख सकता है।
दक्षिण भारत के तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और केरल में 19 से 23 नवंबर के बीच मध्यम से भारी बारिश की गतिविधि तेज हो सकती है। इसके पीछे बंगाल की खाड़ी में सक्रिय एक और चक्रवाती परिसंचरण को कारण बताया गया है, जिसके अगले कुछ दिनों में मजबूत होने की संभावना है। इन राज्यों के तटीय क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने की चेतावनी दी गई है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
उधर, उत्तर भारत—विशेषकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान—में न्यूनतम तापमान में 4 से 6 डिग्री तक गिरावट दर्ज होने की संभावना है। अगले 48 घंटों में कई इलाकों में शीतलहर जैसी स्थिति बन सकती है, जबकि सुबह और रात के तापमान में तेज गिरावट लोगों को ठिठुरन का अहसास करा सकती है। हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण स्तर पर भी प्रभाव पड़ेगा और AQI में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
IMD ने नागरिकों को सावधान रहने की सलाह दी है। बारिश और तेज हवाओं के दौरान खुले क्षेत्रों में जाने से परहेज करने, वाहन धीमी गति से चलाने और तापमान गिरने पर गर्म कपड़ों का उपयोग बढ़ाने की अपील की गई है। कृषि कार्यों को भी इस मौसम के अनुसार समायोजित करने की सलाह दी गई है, ताकि फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
अगले कुछ दिनों तक मौसम का रुख देश के कई हिस्सों में सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकता है, इसलिए सतर्कता और तैयारी आवश्यक है।