देशभर में इंडिगो की 85 से अधिक फ्लाइट्स के अचानक रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई एयरपोर्ट्स पर सुबह से ही यात्रियों की लंबी कतारें देखने को मिलीं, वहीं उड़ानें रद्द होने और समय पर सूचना न मिलने पर लोगों में नाराज़गी भी दिखी। लगातार बढ़ते विरोध और सोशल मीडिया पर उठ रही शिकायतों के बीच IndiGo ने आधिकारिक रूप से माफी मांगते हुए कहा कि तकनीकी और परिचालन संबंधी समस्याओं के कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
एयरलाइन ने बयान जारी कर बताया कि कुछ आंतरिक कारणों और ऑपरेशनल दिक्कतों की वजह से कई रूट्स पर सेवाओं को प्रभावित करना पड़ा। कंपनी ने आश्वासन दिया है कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए टीम लगातार काम कर रही है। इंडिगो ने यह भी कहा कि प्रभावित यात्रियों को रीफंड, रीबुकिंग और विकल्पी फ्लाइट्स उपलब्ध कराने की प्रक्रिया तेजी से जारी है।
फ्लाइट्स रद्द होने से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई समेत कई प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। कई लोग महत्वपूर्ण बैठकों, कनेक्टिंग फ्लाइट्स और पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सके, जिससे नुकसान और असुविधा बढ़ी। यात्रियों ने शिकायत की कि रद्दीकरण की जानकारी समय रहते नहीं दी गई, और कई लोग एयरपोर्ट पहुंचने के बाद ही स्थिति से अवगत हो पाए।
विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में उड़ानों का एक साथ रद्द होना गंभीर ऑपरेशनल चुनौतियों को दर्शाता है। इसका असर न केवल यात्रियों पर पड़ता है बल्कि एयरलाइन की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करता है। हालांकि, इंडिगो ने दावा किया है कि समस्याओं को जल्द ठीक कर सामान्य संचालन बहाल किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी इस घटनाक्रम पर एयरलाइन से रिपोर्ट मांगी है और यात्रियों को होने वाली असुविधा पर चिंता जताई है। मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि यात्रियों को समय पर जानकारी और उचित विकल्प उपलब्ध कराए जाएं ताकि आगे ऐसी स्थितियों में परेशानी कम हो सके।
इंडिगो, जो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन मानी जाती है, यात्रियों के भरोसे पर टिके अपने नेटवर्क को मजबूत बनाए रखने की चुनौती का सामना कर रही है। फ्लाइट रद्दीकरण के इस बड़े घटनाक्रम ने कंपनी को संचालन क्षमता, स्टाफ मैनेजमेंट और संकट प्रबंधन पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।