रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा ने जहां सामरिक और कूटनीतिक मोर्चे पर कई महत्वपूर्ण संदेश दिए, वहीं एक राजनीतिक विवाद भी खड़ा कर दिया है। पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी का कहना है कि सरकार ने इस आयोजन के ज़रिये अंतरराष्ट्रीय रिश्तों को घरेलू राजनीति से जोड़ने की कोशिश की है, जिससे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस डिनर को "विशेष राजनीतिक शो" में बदल दिया, जिसमें विपक्ष को उचित सम्मान नहीं दिया गया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि भारत की विदेश नीति हमेशा से सर्वदलीय सहयोग की परंपरा पर आधारित रही है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस सिद्धांत को कमजोर किया है। कुछ नेताओं ने सवाल उठाया कि आधिकारिक कार्यक्रम होने के बावजूद विपक्ष को सीमित प्रतिनिधित्व क्यों दिया गया और कई प्रमुख नेताओं को निमंत्रण सूची से बाहर क्यों रखा गया।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस इस बात से भी नाराज़ है कि डिनर के दौरान सरकार ने कुछ विवादित विषयों पर खुलकर चर्चा की, जिनमें विपक्ष के लिए कोई संवाद या प्रतिक्रिया का अवसर नहीं दिया गया। पार्टी का आरोप है कि सरकार विदेश नीति के मामलों को भी राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए इस्तेमाल कर रही है, जबकि ऐसे मुद्दों पर राष्ट्रीय एकता सर्वोपरि होनी चाहिए।
दूसरी ओर, सत्ताधारी दल के नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि कार्यक्रम पूरी तरह आधिकारिक था और इसमें सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया। सरकार का तर्क है कि भारत-रूस संबंध दशकों पुराने हैं और इस तरह के आयोजनों में राजनीतिक दलों की भूमिका सीमित होती है। सत्तापक्ष ने यह भी कहा कि कांग्रेस बिना कारण विवाद खड़ा कर रही है, जबकि ऐसे उच्च-स्तरीय आयोजनों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना होता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले चुनावी माहौल में और तेज हो सकता है। विपक्ष जहां सरकार पर विदेश नीति के राजनीतिकरण का आरोप लगा रहा है, वहीं सरकार इसे "राष्ट्रहित" से जोड़कर पेश कर रही है।
फिलहाल पुतिन की यात्रा से जुड़े सामरिक समझौतों और आर्थिक सहयोग की चर्चाओं के बीच यह राजनीतिक विवाद नई बहस का केंद्र बन गया है। कांग्रेस इसे पारदर्शिता और संतुलित विदेश नीति का मुद्दा बता रही है, जबकि सरकार इसे अनावश्यक राजनीतिक शोर करार दे रही है।