ऑस्ट्रेलिया में एक धार्मिक त्योहार के दौरान यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। इस भयावह हमले में इजराइली नागरिक समेत कुल 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कड़ी निंदा हो रही है।
जानकारी के अनुसार, यह हमला उस समय हुआ जब यहूदी समुदाय के लोग एक धार्मिक पर्व के आयोजन में शामिल थे। अचानक हथियारबंद हमलावरों ने भीड़ पर अंधाधुंध हमला कर दिया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हमलावरों ने पहले से रेकी कर रखी थी और भीड़ अधिक होने का फायदा उठाया। सुरक्षा बलों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए इलाके को घेर लिया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
इस हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को पहले ही यहूदियों पर संभावित हमलों को लेकर चेताया था, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा में चूक हुई। नेतन्याहू ने इस हमले को वैश्विक यहूदी विरोधी आतंकवाद का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह केवल इजराइल की नहीं, बल्कि पूरी सभ्य दुनिया की समस्या है।
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजराइल अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा और ऑस्ट्रेलियाई सरकार से इस हमले की निष्पक्ष, तेज़ और सख्त जांच की मांग की। उन्होंने दोषियों को कड़ी सजा देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर जोर दिया।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला देश की बहुसांस्कृतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और यहूदी समुदाय समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस हमले के पीछे संभावित आतंकी नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच कर रही हैं।
इस घटना ने एक बार फिर पश्चिमी देशों में यहूदी विरोधी हिंसा और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य-पूर्व संकट और वैश्विक राजनीतिक तनाव का असर अब अन्य देशों में भी सामुदायिक हिंसा के रूप में दिखने लगा है।
ऑस्ट्रेलिया में यहूदी संगठनों ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है और सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। इस बीच, मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं और कई देशों ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की अपील की है।