प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर-पत्र' के तहत विदेश यात्रा से लौटे सात सांसदीय प्रतिनिधिमंडलों से भेंट की। ये डेलिगेशन 33 देशों की यात्रा कर भारत की सांस्कृतिक विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों और विकास यात्रा का संदेश लेकर विभिन्न देशों में पहुंचे थे। वापसी के बाद प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात एक खास रात्रिभोज (डिनर) के साथ आयोजित की गई, जहां सभी प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए।
संसद से परे ‘भारत ब्रांड’ का संदेश
इन सांसदीय प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य भारत की सकारात्मक छवि को वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूती से प्रस्तुत करना था। सांसदों ने विदेशी नेताओं, भारतीय प्रवासियों, विश्वविद्यालयों, व्यापारिक संस्थाओं और सामाजिक संगठनों से संवाद स्थापित किया। उन्होंने भारत में हो रहे आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी परिवर्तनों को वैश्विक समुदाय तक पहुंचाया।
मोदी ने सुने सांसदों के अनुभव
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिनिधियों से प्रत्येक देश में मिले स्वागत, भारतीय मूल के लोगों की प्रतिक्रियाएं, और भारत के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि ये प्रयास भारत की 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना को और गहराई प्रदान करते हैं।
सांसदों ने प्रधानमंत्री को बताया कि किस प्रकार विभिन्न देशों में भारत की छवि एक सशक्त, नवाचार-प्रधान और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राष्ट्र के रूप में देखी जा रही है। कई देशों में भारत के युवाओं की वैज्ञानिक उपलब्धियों और डिजिटल प्रगति की सराहना भी की गई।
जनसंपर्क कूटनीति की नई पहल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को संसद से परे जनसंपर्क कूटनीति (Public Diplomacy) के एक मजबूत माध्यम के रूप में देखा जा रहा है। इस तरह के प्रयास भारत की सॉफ्ट पावर को सुदृढ़ करने और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं।
डिनर में दिखी आत्मीयता और संवाद
प्रधानमंत्री और सांसदों के बीच रात्रिभोज के दौरान खुलकर चर्चा हुई। यह न केवल अनुभव साझा करने का मंच था, बल्कि भविष्य की वैश्विक रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श का अवसर बना।