दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी ने जून 2025 में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राजधानी दिल्ली में तापमान 12 जून को 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुँच गया, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर समेत हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के कई इलाकों में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।
हीटवेव का कहर
गर्मी का यह प्रकोप लू (हीटवेव) की तीव्र लहर के कारण है, जो कई दिनों से जारी है। दिल्ली के नरेला, मंगोलपुरी और सफदरजंग क्षेत्रों में पारा 45 से 46 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया। अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सड़कों पर दिन के समय सन्नाटा पसरा है, और लोग सुबह या देर शाम ही जरूरी कार्यों के लिए बाहर निकल रहे हैं।
कब मिलेगी राहत?
मौसम विभाग के अनुसार, 15 जून 2025 के आसपास दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में हल्की प्री-मानसूनी वर्षा के आसार बन रहे हैं। इससे तापमान में 3-4 डिग्री की गिरावट आ सकती है। साथ ही, हवाएं चलने और बादल छाने की संभावना भी है, जो गर्मी से अस्थायी राहत प्रदान कर सकती है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सलाह
राजधानी में स्कूली बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्मी से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव जारी किए हैं:
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दिन में घर से बाहर निकलने से बचें।
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अधिक मात्रा में पानी पिएं और हल्के कपड़े पहनें।
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धूप में काम करने वालों के लिए छाया और ठंडे पेय की व्यवस्था हो।
अगले कुछ दिन दिल्लीवासियों के लिए बेहद कठिन हो सकते हैं। ऐसे में सतर्कता और सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। मानसून से पहले की यह भीषण गर्मी जहां एक ओर पर्यावरणीय असंतुलन की चेतावनी है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठाती है—क्या हम जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार हैं?