ताज़ा घटनाक्रम के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के भट्टाकूफर क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह तेज बारिश के बीच एक पांच-मंज़िला मकान 'कार्ड की तरह' ढह गया। राहत की बात यह रही कि इसके पहले ही सभी निवासियों को सुरक्षित रहने की सलाह दी जा चुकी थी, जिससे किसी की जान नहीं गयी।
🔍 मकान के उजड़ने का दृश्य
वीडियो क्लिप में साफ़ देखा गया कि शुरुआत में मकान अपनी जगह दृढ़ बना रहा था, पर जैसे ही फाउंडेशन में बनी दरारें बढ़ी, वह कुछ ही सेकंडों में ढह पड़ा। दृश्य में तेज बारिश भी स्पष्ट दिख रही थी, जिसने इस हादसे को और भयानक बना दिया ।
🏠 मकान ढहने का कारण
इस मकान के ढहने का मुख्य कारण हाल ही में इसके पास चार-लेन सड़क निर्माण कार्य बताया जा रहा है, जिससे मकान की नींव कमजोर हो गई थी। अचानक आई मूसलाधार बारिश ने उसे ढहने पर मजबूर कर दिया ।
🌧️ मौसम की चेतावनी
इससे एक दिन पहले, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शिमला समेत पूरे राज्य में 'रेड अलर्ट' जारी किया था, जिससे लोगों को भारी बारिश और संभावित भूस्खलन से चेताया गया था ।
🛣️ राज्य में बारिश का प्रभाव
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पिछले 24 घंटों में बारिश से हिमाचल में तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें से दो की अभिशप्त क्षेत्रों—उना और बिलासपुर में डूबने से हुई हैं, जबकि शिमला में एक व्यक्ति ऊंचाई से गिरने से घायल हुआ।
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राज्य की 129 सड़कें बंद पड़ी हैं, जिसमें सिरमौर में 57 और मंडी में 44 सड़कें प्रमुख रूप से प्रभावित हैं।
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बिजली वितरण भी प्रभावित हुआ, 612 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं ।
🚨 प्रशासनिक प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने सभी ज़िलों में आपात स्थिति घोषित की है और लोगों से नदी किनारे दूर रहने की अपील की है। साथ ही, प्रभावित जिलों—कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर—में स्कूलों को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए हैं ।
🌊 ब्यास नदी का खतरा
वहीं, दूसरी ओर बीاس नदी में तेज बहाव के बीच तीन महिलाओं के फंसने की खबरें भी सामने आई हैं। मेघ बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते पानी की तेज़ी बढ़ गई, जिससे नदी किनारे मौजूद लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं । प्रशासन और डिसास्टर रेस्पांस टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है।
इस आपदा की प्रमुख सीख यह है कि मिटरोलॉजिकल चेतावनियों को गंभीरता से लेना चाहिए। दुर्भाग्यवश प्राकृतिक आपदाओं में अनदेखी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। राहत और बचाव दल तैनात हैं, साथ ही स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी में है।