भारत ने तैयार की नई हाइपरसोनिक एसएलबीएम मिसाइल K‑6, जिसकी खबर जैसी ही सार्वजनिक हुई, वह रक्षा क्षेत्र में हड़कंप मचा गई। इसकी रेंज 8,000 किलोमीटर और गति मैक 7.5 (लगभग 9,200 किमी/घंटा) तक है, जो इसे ब्रह्मोस से भी कहीं तेज और खतरनाक बनाती है ।
🚀 K‑6 मिसाइल: तकनीकी विशेषताएँ और क्षमता
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दूरी: यह मिसाइल करीब 8,000 किमी मार सकती है — इस रेंज से यह एशिया भर में प्रभाव डाल सकती है, साथ ही यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक भी पहुँच सकती है ।
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हाइपरसोनिक गति: मिसाइल की जल्दी लगभग मैक 7.5 है, जो सामान्य एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम बनाती है ।
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MIRV तकनीक: एक ही मिसाइल में कई स्वतंत्र लक्ष्यों को निशाना बनाने वाले वारहेड्स हो सकते हैं, जिससे इससे स्ट्राइक की विविधता और ज्यादा प्रभावित करना संभव होता है।
फायरिंग प्लेटफ़ॉर्म के रूप में इसे भारत की आगामी S‑5 श्रेणी की परमाणु पनडुब्बी में तैनात किया जाएगा — ये पनडुब्बियाँ Arihant‑class से बड़ी एवं अधिक शक्तिशाली होंगी।
🛠️ विकास की प्रक्रिया और वैश्विक मायने
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K‑6 की परियोजना 2017 में DRDO की Advanced Systems Laboratory, हैदराबाद में शुरू हुई थी, और इसे अगले कुछ वर्षों में समुद्री परीक्षण के लिए तैयार किया गया ।
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यह भारतीय कूटनीतिक रणनीति में “नुक्लियर ट्रायड” (भूमि, वायु और समुद्र) के तटस्थ हिस्से को मजबूत करेगा।
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ऐसे उन्नत हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली वाले देशों की सूची में भारत अब अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ शामिल हो जाएगा ।
🌏 रणनीतिक असर और आगामी परीक्षण
जैसे ही K‑6 की क्षमताएं अधिक स्पष्ट होती जाएंगी, यह निश्चित रूप से क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में एक मजबूत संदेश होगा — खासकर भारत-चीन और भारत–पाकिस्तान सीमाओं को ध्यान में रखते हुए ।
शुरुआती परीक्षण जल्द ही समुद्री परिवेश में — S‑5 पनडुब्बियों से फायर होकर — होने की संभावना है और रक्षा विशेषज्ञ इस विकास को निकट भविष्य में एक रणनीतिक मोड़ मान रहे हैं।
K‑6 मिसाइल तकनीकी रूप से बेहद उन्नत, तेज़ और लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है। यह भारत के समुद्री आधारित परमाणु रणनीति को और विश्वसनीय बनाएगी। इसकी गति और MIRV तकनीक कई लक्ष्यों को एक ही बार में निशाना बना सकती है।