उत्तर प्रदेश में मानसून ने अचानक करवट बदल ली है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई है। गुरुवार से पूर्वी और मध्य यूपी के जिलों में तेज बारिश के आसार हैं, जिसका मुख्य कारण बंगाल की खाड़ी से उठने वाला नया चक्रवाती परिसंचरण है। इस मौसमी बदलाव ने किसानों से लेकर प्रशासन तक को सतर्क कर दिया है।
मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सक्रिय हुआ यह चक्रवात अब उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से पूर्वांचल, तराई और मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों—जैसे गोरखपुर, बलिया, बस्ती, देवरिया, प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ और बाराबंकी में अगले 48 घंटों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है।
आवश्यक सतर्कता बरतने की अपील
मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बिजली गिरने और जलभराव जैसी स्थितियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें, विशेषकर खेतों और जलजमाव वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें।
कृषि क्षेत्र पर असर
तेज बारिश का असर खरीफ की फसलों पर भी पड़ सकता है। अधिक जलभराव से धान और मक्का की फसल को नुकसान की आशंका है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को खेतों की जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त रखने की सलाह दी है।
शहरी क्षेत्रों में चुनौती
लखनऊ, कानपुर, वाराणसी जैसे बड़े शहरों में जलभराव की समस्या गहराने की संभावना है। नगर निगमों को नालों की सफाई और आपदा प्रबंधन को लेकर तैयारी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में मानसून के इस यू-टर्न ने मौसम को रोमांचक तो बनाया है, लेकिन इसके साथ ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां भी उत्पन्न हो रही हैं। मौसम विभाग की ताजा रिपोर्टों पर नजर रखना और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करना इस समय अत्यंत आवश्यक हो गया है।