इस्तांबुल में प्रस्तावित शांति वार्ता से ठीक पहले रूस ने यूक्रेन पर एक बड़ा ड्रोन हमला कर पूरी दुनिया का ध्यान एक बार फिर युद्ध क्षेत्र की ओर खींच लिया है। ताजा हमले में यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है, जिससे कम से कम 2 लाख से अधिक लोग अंधेरे में डूब गए हैं। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद थी कि रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत का कोई सकारात्मक रास्ता निकलेगा।
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार देर रात रूसी सेना ने ईरान निर्मित शाहिद-136 ड्रोन के जरिए कीव, खारकीव और ओडेसा समेत कई प्रमुख शहरों को निशाना बनाया। इन हमलों का मुख्य केंद्र बिजली उत्पादन और वितरण से जुड़ी सुविधाएं थीं, जिसके कारण व्यापक बिजली संकट उत्पन्न हो गया है।
बिजली संयंत्र बने मुख्य निशाना
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय ने जानकारी दी कि हमला विशेष रूप से विद्युत सबस्टेशन, पावर ग्रिड और वितरण केंद्रों पर केंद्रित था। कीव क्षेत्र में तीन प्रमुख पावर ग्रिड ठप हो गए हैं, जबकि खारकीव में अस्पतालों और स्कूलों को भी बैकअप सिस्टम पर चलाना पड़ रहा है। यूक्रेनी प्रशासन ने दावा किया है कि वायु रक्षा प्रणाली ने 80% से अधिक ड्रोन को मार गिराया, लेकिन बचे हुए ड्रोनों से भारी नुकसान हुआ।
मानवाधिकार संकट की आहट
अचानक बिजली गुल होने से हजारों नागरिकों के लिए पेयजल, इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएं बाधित हो गईं। रातभर अस्पतालों में ऑपरेशन स्थगित हुए और नवजात यूनिट्स को बैकअप जनरेटर पर शिफ्ट करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसे संगठनों ने हालात पर गहरी चिंता जताई है और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
इस्तांबुल वार्ता पर मंडराते सवाल
रूस और यूक्रेन के बीच अगले दौर की वार्ता इस्तांबुल में आयोजित होनी है, जिसका उद्देश्य संघर्षविराम और मानवीय राहत पर कोई ठोस समझौता करना है। लेकिन इस हमले ने वार्ता की संभावना को अस्थिर कर दिया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसे "शांति की पहल को कमजोर करने की साजिश" बताया और रूस पर "दोहरी रणनीति" अपनाने का आरोप लगाया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, यूरोपीय संघ और नाटो ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा कि “रूस ऐसे समय में नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहा है जब विश्व समुदाय शांति की संभावनाओं को लेकर आशान्वित है।” ब्रिटेन ने भी रूस पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया और यूक्रेन को रक्षा सहायता बढ़ाने की बात कही है।
रूस का यह ड्रोन हमला न केवल यूक्रेन की ऊर्जा व्यवस्था को गहरा झटका है, बल्कि यह आगामी शांति वार्ता के माहौल को भी प्रभावित कर सकता है। इस घटना से साफ है कि युद्ध अब भी राजनीतिक समाधान से कोसों दूर है।