भारत और मालदीव के बीच संबंधों में एक बार फिर मजबूती देखने को मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए हैं, जिनमें ₹4850 करोड़ का ऋण, डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI की शुरुआत और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर सैद्धांतिक सहमति शामिल है। यह कदम रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को नए आयाम देने की दिशा में अहम माने जा रहे हैं।
नई दिल्ली में मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइजु की भारत यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के बीच व्यापक चर्चा हुई। इस मुलाकात में आर्थिक सहयोग से लेकर समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन तक कई क्षेत्रों को लेकर साझा विजन पर सहमति बनी।
₹4850 करोड़ की सहायता से बुनियादी ढांचे को बढ़ावा
भारत ने मालदीव को ₹4850 करोड़ का वित्तीय ऋण देने की घोषणा की है, जिससे द्वीपीय देश में बुनियादी ढांचा, बंदरगाह, परिवहन और ऊर्जा क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी। इस मदद के ज़रिए मालदीव में स्थायी और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा, जो भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
UPI सिस्टम की हुई शुरुआत
भारत की अग्रणी डिजिटल भुगतान प्रणाली UPI को अब मालदीव में भी लॉन्च किया गया है। इससे वहां बसे भारतीयों, पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों को लेन-देन में सुविधा मिलेगी और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
FTA पर सैद्धांतिक सहमति
दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सैद्धांतिक सहमति जताई है, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के उत्पादों को एक-दूसरे के बाज़ारों में बेहतर अवसर मिल सकेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
समझौतों के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और मालदीव के रिश्ते उतने ही गहरे हैं जितना सागर। हमारा लक्ष्य केवल रणनीतिक साझेदारी नहीं, बल्कि जन-जन से जुड़ा विश्वास और सहयोग है।”