मुख्यमंत्री ने झांसी और चित्रकूट धाम मण्डल के जनप्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की
सभी जनप्रतिनिधियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों की परिस्थितियों, जनअपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं के विषय में व्यक्तिगत रूप से संवाद किया
बुन्देलखण्ड क्षेत्र का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री
चित्रकूट धाम मण्डल भगवान श्रीराम की तपोस्थली के रूप में प्रतिष्ठित, झांसी मण्डल रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा से जुड़ा, यह दोनों मण्डल उ0प्र0 की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केन्द्र
इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और समेकित विकास ‘नये उत्तर प्रदेश’ के निर्माण का मूलाधार
झांसी और चित्रकूट धाम मण्डल से 8,776 करोड़ रु0 की लागत के 1,088 कार्य प्रस्तावित
राज्य सरकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र को उपेक्षा के अंधकार से निकालकर उ0प्र0 के उज्ज्वल भविष्य की रेखा पर ला रही
सभी जनप्रतिनिधिगण अपने-अपने क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभाएं
लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए तथा समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए
नगर विकास विभाग परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन जरूर प्राप्त करे
हम केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं, बल्कि उनका समयबद्ध और ज़मीनी क्रियान्वयन ही हमारी पहचान
लखनऊ : 27 जुलाई, 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के चतुर्दिक विकास हेतु प्रारम्भ की गई मण्डलवार जनप्रतिनिधि संवाद श्रृंखला के अन्तर्गत आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में झांसी और चित्रकूट धाम मण्डल के जनप्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों की परिस्थितियों, जनअपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं के विषय में व्यक्तिगत रूप से संवाद किया। बैठक का उद्देश्य केवल योजनाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की ज़मीनी समझ और अनुभव के माध्यम से राज्य के दूरवर्ती क्षेत्रों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ समझना और समाधान सुनिश्चित करना था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास को सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। चित्रकूट धाम मण्डल भगवान श्रीराम की तपोस्थली के रूप में प्रतिष्ठित है। झांसी मण्डल रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा से जुड़ा है। यह दोनों ही मण्डल उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केन्द्र हैं। इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और समेकित विकास ‘नये उत्तर प्रदेश’ के निर्माण का मूलाधार है।
बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी विकास कार्यों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री जी ने लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए तथा समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए कुल प्रस्तावों के अन्तर्गत झांसी मण्डल के तीन जनपदों (झांसी, जालौन और ललितपुर) से कुल 691 कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। इनकी अनुमानित लागत 4,901 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार, चित्रकूट धाम मण्डल के चार जनपदों (बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा) से कुल 397 कार्य प्रस्तावित हैं, जिन पर 3,875 करोड़ रुपये की लागत प्रस्तावित है। इस प्रकार दोनों मण्डलों से कुल 1,088 कार्य प्रस्तावित हुए हैं, जिनकी कुल लागत 8,776 करोड़ रुपये है। इनमें से झांसी और बांदा जनपद क्रमशः 1,916 करोड़ रुपये और 1,825 करोड़ रुपये की लागत के साथ अपने-अपने मण्डलों में शीर्ष पर हैं।
प्रस्तावित कार्यों में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इण्टर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुँच मार्ग, लॉजिस्टिक्स हब, बाईपास, आर0ओ0बी0/अण्डरपास, फ्लाईओवर, मेजर एवं माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई अवसंरचना और पाण्टून ब्रिज जैसे अनेक कार्य शामिल हैं। यह सभी कार्य भौगोलिक चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेंगे, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने में भी सहायक सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने बुन्देलखण्ड में जहां कहीं भी इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी बेहतर करने की आवश्यकता है, उसे विधायकों की अनुशंसा के आधार पर पहले चरण की कार्ययोजना में ही शामिल करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने नगर विकास विभाग को निर्देश दिए कि विभाग द्वारा किसी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन जरूर प्राप्त कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव और स्थानीय आवश्यकताओं की समझ शासन के लिए मार्गदर्शक होती है। हम केवल योजनाएं बनाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका समयबद्ध और ज़मीनी क्रियान्वयन ही हमारी पहचान है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र को उपेक्षा के अंधकार से निकालकर हम उसे उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की रेखा पर ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा हर योजना को नतीजों तक पहुँचाने की है। इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी, तकनीक का समुचित उपयोग किया जाएगा और कार्यों की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधिगण अपने-अपने क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
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मुख्यमंत्री ने कानपुर मण्डल के जनप्रतिनिधियों के साथ एक विशेष संवाद बैठक की
उ0प्र0 के सतत और संतुलित विकास में कानपुर मण्डल की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री
लोक निर्माण विभाग द्वारा जनपद कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा और औरैया के जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित लगभग 10,914 करोड़ रु0 लागत के 1,362 निर्माण कार्यों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई
इनमें सड़कों, पुलों, फ्लाईओवरों, बाईपासों, इण्टर-कनेक्टिविटी, मिसिंग लिंक रोड, सिंगल कनेक्टिविटी, धार्मिक स्थलों के विकास, सुरक्षा तथा लॉजिस्टिक्स से जुड़े कार्य शामिल
जनप्रतिनिधियों से विमर्श कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय करें और कार्य शुरू कराएं, सभी कार्य समयबद्ध व पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित किये जाएं
जनप्रतिनिधिगण जनता और शासन के बीच की सबसे भरोसेमंद कड़ी, उनके विचार और सुझाव संवाद व जन आकांक्षाओं का स्वरूप
जनप्रतिनिधियों के अनुभवों और फील्ड इनपुट्स को नीति निर्धारण का सजीव आधार बनाया जाए
लखनऊ : 27 जुलाई, 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर कानपुर मण्डल के जनप्रतिनिधियों के साथ एक विशेष संवाद बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग सम्बन्धित जनप्रतिनिधियों से विमर्श कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय करे और कार्य शुरू कराए। सभी कार्यां की सतत निगरानी करते हुए कार्य समयबद्ध व पारदर्शी तरीके से क्रियान्वित किये जाएं। उन्होंने इन कार्यां को केवल सरकारी खर्च का विवरण न मानते हुए उन्हें ‘जनता के विश्वास की पूंजी’ बताया।
मुख्यमंत्री जी ने संवाद के शुरूआत में जनपद कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा एवं औरैया के विधायकों/जनप्रतिनिधियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों की जमीनी परिस्थितियों, जन अपेक्षाओं, विकास कार्यों की प्रगति और प्रशासनिक समन्वय पर विस्तार से फीडबैक प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सतत और संतुलित विकास में कानपुर मण्डल की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह मण्डल राज्य की औद्योगिक और शैक्षिक रीढ़ के साथ-साथ सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक चेतना और जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता का भी केन्द्र है। राज्य सरकार कानपुर मण्डल की औद्योगिक विरासत, शैक्षिक सम्पन्नता और सांस्कृतिक चेतना को आधुनिक विकास की दिशा में ले जाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कार्य कर रही है।
बैठक में लोक निर्माण विभाग द्वारा कानपुर मण्डल के सभी 06 जनपदों के जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित कुल 1,362 निर्माण कार्यों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई, जिसकी अनुमानित लागत 10,914 करोड़ रुपये है। इन कार्यों में सड़कों, पुलों, फ्लाईओवरों, बाईपासों, इण्टर-कनेक्टिविटी, मिसिंग लिंक रोड, सिंगल कनेक्टिविटी, धार्मिक स्थलों के विकास, सुरक्षा तथा लॉजिस्टिक्स से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्ताव सम्मिलित हैं। इनमें सबसे अधिक कार्य जनपद कानपुर नगर के लिए प्रस्तावित किए गए, जिसमें 5,006 करोड़ रुपये की लागत से 426 योजनाएं प्रस्तुत की गयीं। जनपद फर्रुखाबाद के लिए 2,476 करोड़ रुपये की लागत से 308 कार्य, जनपद कानपुर देहात के लिए 1,214 करोड़ रुपये के 336 कार्य, जनपद कन्नौज के लिए 1,076 करोड़ रुपये के 98 कार्य, जनपद इटावा के लिए 620 करोड़ रुपये के 128 कार्य और जनपद औरैया के लिए 524 करोड़ रुपये लागत से 66 विकास कार्य सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने नगर विकास विभाग को निर्देशित किया कि नगर विकास विभाग द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों से सम्बन्धित शिलापट्ट पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित किये जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनप्रतिनिधिगण जनता और शासन के बीच की सबसे भरोसेमंद कड़ी होते हैं। उनके विचार और सुझाव केवल संवाद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे जन आकांक्षाओं का स्वरूप होते हैं, जिन्हें योजनाओं की संरचना और क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से सम्मिलित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे जनप्रतिनिधियों के अनुभवों और फील्ड इनपुट्स को केवल दस्तावेज स्तर पर न लें, बल्कि उन्हें नीति निर्धारण का सजीव आधार बनाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कानपुर मण्डल को ‘विकास का अग्रदूत’ करार देते हुए विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में यह मण्डल न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्पद मॉडल के रूप में उभरेगा।