रक्षाबंधन के पावन दिन पर देश ने अपने दो और वीर सपूत खो दिए। जम्मू-कश्मीर में शनिवार देर रात हुई आतंकी मुठभेड़ में पंजाब के दो जवान शहीद हो गए। इनमें से एक, गुरदासपुर जिले के हरमिंदर सिंह, की शादी को महज 11 महीने ही हुए थे। वहीं दूसरे शहीद जवान की पहचान लुधियाना के रणजीत सिंह के रूप में हुई है।
सूत्रों के अनुसार, यह मुठभेड़ पुलवामा जिले के त्राल सेक्टर में हुई, जहां सुरक्षा बलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। अभियान के दौरान आतंकियों ने घात लगाकर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों ओर से जमकर गोलियां चलीं। मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर हुए, लेकिन इस दौरान हरमिंदर सिंह और रणजीत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
हरमिंदर सिंह ने 11 महीने पहले ही अमनदीप कौर से शादी की थी। परिवार में यह खुशियों का समय मातम में बदल गया। उनके घर पर माता-पिता, पत्नी और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग गर्व और गम दोनों भावनाओं में डूबे हुए हैं—गर्व इस बात का कि उन्होंने देश की रक्षा में प्राण न्यौछावर किए, और गम इस अपूरणीय क्षति का।
लुधियाना के रणजीत सिंह भी अपनी बहादुरी और लगन के लिए जाने जाते थे। उनके पिता ने कहा कि बेटा बचपन से ही फौज में जाने का सपना देखता था। परिवार के अनुसार, रणजीत सिंह ने हमेशा देश सेवा को प्राथमिकता दी और इसी भावना के साथ अपने प्राण अर्पित कर दिए।
शहीदों के पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव पहुंचाए जाएंगे, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद रहेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री ने दोनों जवानों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य और देश को उनके बलिदान पर गर्व है।
रक्षाबंधन के दिन यह दुखद घटना इस बात की याद दिलाती है कि सीमाओं पर तैनात जवान हर त्योहार और खुशी का त्याग कर देश की सुरक्षा में जुटे रहते हैं। उनकी शहादत हमारे लिए केवल एक समाचार नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण और साहस का प्रमाण है।