8 अगस्त 2025 का दिन रीवा (मध्य प्रदेश) में एक भयावह अपराध की कहानी उजागर करने वाला है। सेमरिया थाना क्षेत्र में कोचिंग के लिए निकली 12वीं की होनहार छात्रा की जिंदगी अचानक खौफनाक मोड़ पर आ पहुँची, जब 30 जुलाई की सुबह तीन अज्ञात युवकों ने उसे अगवा कर नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद, छात्रा को किसी अज्ञात स्थान पर कैद कर लगातार आठ दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और उस पर दरिंदगी की गई। जैसे ही उसकी तबीयत बिगड़ी, आरोपियों ने उसे घर के काफी पास छोड़कर फरार होने का रास्ता अपनाया ।
उसके परिजनों ने जब उसका ठिकाना न पाया, तो तुरंत सेमरिया थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। छात्रा देर से घर के पास मिली—बेहोश, घायल और पीड़ित हालत में—जिसकी सूचना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई । उसे गंभीर अवस्था में गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसकी स्थिति स्थिर बताते हुए अंडर ऑब्ज़र्वेशन रखा । उसके शरीर पर चोटों और नाखून के निशानों के अलावा, मेडिकल जांच (MLC रिपोर्ट) की प्रतीक्षा की जा रही है, जो आगे की जांच की दिशा तय करेगी ।
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य आरोपी को हिरासत में लिया और पूछताछ कर रही है, हालांकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। घटना की गहराई और संवेदनशीलता को समझते हुए, पुलिस प्रशासन का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कानूनी प्रक्रिया तय की जाएगी।
यह मामला न सिर्फ एक अपराध है, बल्कि यह संकेत देता है कि समाज में युवाओं की सुरक्षा कितनी सहजता से खतरे में डाली जा सकती है। नशीला पदार्थ सुंघा देना, बंधक बनाना, और अत्यंत क्रूरता के साथ हमला—इन तमाम पहलुओं ने इस घटना को डरा देने वाला बना दिया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या न्याय व्यवस्था समय रहते पीड़ित को न्याय प्रदान कर पाएगी? और क्या प्रशासन इस तरह के खौफनाक घटनाओं से बेहतर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करेगा?