भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 7 से 13 अगस्त के बीच देश के कई हिस्सों में मानसून का रौद्र रूप देखने को मिलेगा। इस अवधि में उत्तर, पूर्वोत्तर, मध्य और दक्षिण भारत के कई राज्यों में बहुत भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। कई इलाकों में जलभराव, भूस्खलन और नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है।
उत्तर और उत्तराखंड में अलर्ट
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब-हरियाणा के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ बादल फटने और भूस्खलन की आशंका है। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रशासन ने यात्रियों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में बाढ़ का खतरा
असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और बिहार में लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। ब्रह्मपुत्र और गंगा की सहायक नदियों में उफान से निचले इलाकों में पानी भरने की स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने राहत दलों को अलर्ट मोड पर रखा है और संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
मध्य और दक्षिण भारत में भी तेज बारिश
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में अगले कुछ दिनों तक तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। वहीं, महाराष्ट्र के विदर्भ और कोकण क्षेत्र, कर्नाटक, केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के चलते यातायात प्रभावित होने और फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
मौसम विभाग की सलाह और तैयारियां
IMD ने लोगों को मौसम से जुड़े अपडेट पर नजर रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। राज्य सरकारों ने NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और नदी किनारे बसे गांवों में बाढ़ की संभावना को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है।
इस बार का मानसून औसत से अधिक सक्रिय है, जिससे जहां एक ओर जलस्रोत भरने और कृषि के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं, वहीं दूसरी ओर अतिवृष्टि से जनजीवन अस्त-व्यस्त होने का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त अलर्ट जारी किया जाएगा।