देश के कई राज्यों में एक बार फिर आसमान ने राहत के बजाय आफत बरसा दी है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, असम और मिजोरम समेत कई इलाकों में बीते 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने अगले पांच से सात दिनों तक इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है।
हिमाचल में भूस्खलन और सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश के चलते कई जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों में कई सड़कों पर मलबा गिरने से यातायात ठप हो गया है। प्रशासन ने लोगों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है।
उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में नदियां उफान पर
उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत और शामली में भी लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
मध्य और दक्षिण भारत में भी असर
मध्य प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है, जिससे खरीफ फसलों को नुकसान की आशंका है। वहीं, कर्नाटक और ओडिशा में लगातार हो रही वर्षा से निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
पूर्वोत्तर में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा
असम और मिजोरम में भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मिजोरम के कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है।
अगले सात दिन सतर्क रहने की जरूरत
मौसम विभाग का अनुमान है कि मानसून की सक्रियता अगले सप्ताह भी बनी रहेगी। हिमाचल, उत्तराखंड, कर्नाटक, ओडिशा, असम और मिजोरम में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोगों को सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
बारिश से जहां तापमान में गिरावट से कुछ राहत मिली है, वहीं भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव जैसी स्थितियों ने मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय पर्वतीय और तटीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है, क्योंकि भारी वर्षा के साथ-साथ बिजली गिरने और तेज हवाओं का खतरा भी बना हुआ है।