रूस-यूक्रेन युद्ध ने एक बार फिर भयावह रूप ले लिया है। 31 अगस्त 2025 को रूस ने यूक्रेन पर भीषण हवाई हमला किया, जिसमें 500 से ज्यादा ड्रोन और 45 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। यह अब तक का सबसे बड़ा समन्वित हमला माना जा रहा है, जिसने राजधानी कीव समेत कई प्रमुख शहरों को दहला दिया।
हमले का पैमाना और प्रभाव
यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि रूस ने एक ही रात में रिकॉर्ड संख्या में ड्रोन और मिसाइलें दागीं। इनमें से अधिकतर को एयर डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया, लेकिन कई हमले सीधे सैन्य ठिकानों और ऊर्जा अवसंरचना पर हुए। कीव, खारकीव और ओडेसा में जोरदार धमाकों से लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए। कई जगहों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई और अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित करनी पड़ी।
जनहानि और नुकसान
प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, इस हमले में दर्जनों लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल बताए जा रहे हैं। कई रिहायशी इमारतें ढह गईं और वाहनों में आग लग गई। प्रशासन का कहना है कि नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है, लेकिन लगातार हमलों के कारण राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसे “यूक्रेन की संप्रभुता और मानवता पर सीधा हमला” बताया है।
रूस का दावा
रूस ने इस हमले को यूक्रेनी “सैन्य प्रतिष्ठानों और कमांड सेंटर” को निशाना बनाने वाली कार्रवाई बताया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि हमले में केवल सामरिक ठिकाने ही निशाना बनाए गए, जबकि यूक्रेन ने इसे “साफ-साफ आतंकी हमला” करार दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस अपने विरोधियों पर दबाव बढ़ाने के लिए अब और भी बड़े पैमाने पर हवाई युद्ध रणनीति अपना रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमले के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ और नाटो देशों ने रूस की कड़ी निंदा की है। अमेरिका ने यूक्रेन को और अधिक वायु रक्षा प्रणाली उपलब्ध कराने की घोषणा की है, जबकि यूरोपीय नेताओं ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी नागरिक इलाकों पर हमले को लेकर गहरी चिंता जताई है और तुरंत संघर्ष विराम की अपील की है।
यूक्रेन विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला रूस की “नई युद्ध रणनीति” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न केवल सैन्य ढांचे को कमजोर करना है बल्कि जनता का मनोबल तोड़ना भी है। दूसरी ओर, यूक्रेन अपनी पश्चिमी साझेदारियों पर और अधिक निर्भर होता जा रहा है। आने वाले दिनों में यह टकराव और भी व्यापक रूप ले सकता है, जिससे यूरोप की सुरक्षा स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित होगी।
रूस का यह हमला युद्ध की अब तक की सबसे बड़ी और खतरनाक कार्रवाई मानी जा रही है। सैकड़ों ड्रोन और दर्जनों मिसाइलों से हुआ यह आक्रामक अभियान केवल यूक्रेन ही नहीं बल्कि पूरे यूरोपीय क्षेत्र की स्थिरता पर सवाल खड़ा करता है। अब दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव इस युद्ध को थाम पाएगा या हालात और बिगड़ेंगे।