मध्य पूर्व में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। यमन में सक्रिय हूती विद्रोही इजरायल के हालिया हवाई हमले से बौखलाए हुए दिख रहे हैं। इसी गुस्से का असर सोमवार को देखने को मिला जब उन्होंने राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र (UN) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के दफ्तरों पर छापेमारी की। इस दौरान हूतियों ने 11 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया, जिनमें कुछ स्थानीय और विदेशी नागरिक भी शामिल बताए जा रहे हैं।
इजरायली हमले से भड़के हूती
बीते सप्ताह इजरायल ने यमन के हूती नियंत्रित इलाकों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे। इजरायली सेना का दावा था कि हूती विद्रोही उसके खिलाफ हथियार भेजने और क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, इन हमलों में कई आम नागरिकों की मौत और भारी तबाही की भी खबरें आईं। इसी के बाद से हूती नेतृत्व ने कड़ा रुख अपनाते हुए अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
UN ने इस कार्रवाई पर गहरी चिंता जताई है। संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि उसके कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वतंत्र रूप से काम करने की गारंटी देना यमन में शांति प्रयासों के लिए बेहद जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मुद्दे पर चर्चा की संभावना जताई जा रही है।
मानवीय संकट गहराया
यमन पहले से ही गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है। लाखों लोग भोजन और दवाइयों की कमी से पीड़ित हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लगातार राहत पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में हूती विद्रोहियों द्वारा UN कर्मचारियों को हिरासत में लेना राहत कार्यों पर बड़ा असर डाल सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गतिरोध लंबा खिंचा तो यमन में भूख और बीमारियों से मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
क्षेत्रीय तनाव में नया मोड़
हूती विद्रोही लंबे समय से सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ हमले करते रहे हैं, लेकिन अब उनका सीधा टकराव इजरायल से भी होने लगा है। विश्लेषकों का कहना है कि यह नया मोर्चा पूरे मध्य पूर्व की सुरक्षा संतुलन को बिगाड़ सकता है। इजरायल पहले ही गाजा और लेबनान मोर्चे पर संघर्ष झेल रहा है, अब यमन में बढ़ती गतिविधियां स्थिति को और जटिल बना रही हैं।
वैश्विक प्रतिक्रियाएं
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने हूती विद्रोहियों से तुरंत हिरासत में लिए गए कर्मचारियों को रिहा करने की अपील की है। वहीं, अरब लीग ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए कड़ी निंदा की है।
संक्षेप में, इजरायली हमले के बाद हूती विद्रोहियों का यह कदम यमन की नाजुक स्थिति को और बिगाड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों की गिरफ्तारी ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का बड़ा विषय बन सकता है।