प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन यात्रा से लौटते ही पंजाब के हालात पर गंभीरता दिखाते नजर आए। सोमवार देर रात भारत पहुंचते ही उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बातचीत कर बाढ़ से बिगड़े हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने राज्य सरकार को आश्वस्त किया कि केंद्र हरसंभव मदद मुहैया कराएगा और प्रभावित लोगों की सुरक्षा एवं राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य के कई जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न हो गई है और लाखों लोग बेघर होने की कगार पर हैं। खासकर फिरोजपुर, लुधियाना, पटियाला और जालंधर जैसे जिलों में हालात बेहद खराब हैं। सीएम ने केंद्र से अतिरिक्त एनडीआरएफ टीमें, तिरपाल, दवाइयां और खाद्य सामग्री की मांग की।
प्रधानमंत्री ने तुरंत राहत और बचाव कार्य तेज करने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियों को निर्देशित करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने में केंद्र और राज्य को मिलकर काम करना होगा। मोदी ने मुख्यमंत्री को यह भी आश्वस्त किया कि किसानों के नुकसान का आकलन करने के बाद उन्हें आर्थिक पैकेज देने पर भी विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने पंजाब के करीब आठ जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। अब तक हजारों एकड़ फसलें नष्ट हो चुकी हैं और गांव-गांव में जलभराव से जनजीवन प्रभावित है। राज्य सरकार ने राहत कैंप लगाए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान जारी है।
इस बीच, केंद्र सरकार ने जल संसाधन मंत्रालय और कृषि विभाग की संयुक्त टीम को भी पंजाब भेजने का फैसला किया है ताकि नुकसान का सटीक आकलन किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि राहत पैकेज को लेकर जल्द ही घोषणा की जा सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो पंजाब की धान उत्पादन पर बड़ा असर पड़ सकता है। इस साल राज्य का 180 लाख मीट्रिक टन उत्पादन लक्ष्य खतरे में पड़ सकता है।
पीएम मोदी और सीएम मान की यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब राज्य के किसान और आम लोग केंद्र से विशेष मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। अब देखना यह होगा कि राहत कार्य कितनी तेजी से आगे बढ़ते हैं।