केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कई रोजमर्रा की वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर जीएसटी (GST) दरों में कटौती की घोषणा की है। इस फैसले के बाद आम आदमी की जेब पर बोझ हल्का होगा और बाजार में मांग बढ़ने की उम्मीद है।
सबसे बड़ी राहत दूध और पनीर जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों पर दी गई है। इन पर टैक्स दर घटने से अब यह सामान पहले से सस्ता मिलेगा। इससे सीधे तौर पर घरेलू बजट को राहत मिलेगी। खाद्य उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खपत बढ़ेगी।
इसी तरह, उपभोक्ताओं के लिए टीवी, एसी और रेफ्रिजरेटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी जीएसटी दरों में कमी की गई है। सरकार का मानना है कि इससे इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को नई ऊर्जा मिलेगी और त्योहारी सीजन में बिक्री में तेज़ी आएगी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी इस फैसले का सीधा असर होगा। कार और दोपहिया वाहनों पर टैक्स में कटौती से न केवल ग्राहकों को फायदा होगा बल्कि वाहन उद्योग की सुस्ती भी दूर हो सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इससे ऑटो सेक्टर में उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए इस फैसले को आर्थिक सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि टैक्स दरों में यह बदलाव न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा बल्कि देश की समग्र खपत और जीडीपी वृद्धि में भी सकारात्मक योगदान करेगा।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब आवश्यक वस्तुएं और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते होंगे, तो इसका सीधा असर मांग पर पड़ेगा। इससे उत्पादन चेन मजबूत होगी और कारोबारी गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
हालांकि, सरकार के इस कदम से राजस्व संग्रह पर कुछ असर पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टि से यह निर्णय उपभोक्ता और उद्योग दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।
कुल मिलाकर, दूध-पनीर जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं से लेकर टीवी, एसी और कार जैसे महंगे सामान तक पर टैक्स कटौती का फायदा आम आदमी से लेकर उद्योग जगत तक सभी को मिलेगा।