जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह परिसर में लगी प्रतिमा को भीड़ ने निशाना बनाया और पत्थरों से तोड़ दिया। यह घटना देखते ही देखते इलाके में तनाव का माहौल बन गया। प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है।
घटना का विवरण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार दरगाह परिसर में हाल ही में लगाए गए अशोक स्तंभ को लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया था। शुक्रवार की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए और देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। भीड़ ने पत्थरों से हमला कर स्तंभ को नुकसान पहुंचा दिया। इस दौरान "नारेबाजी" भी की गई।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और अर्धसैनिक बल मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। सुरक्षा कारणों से दरगाह के आसपास के इलाकों में अत्यधिक बल की तैनाती की गई है। अधिकारियों ने बताया कि दोषियों की पहचान की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस घटना पर राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने इसे राष्ट्र विरोधी कृत्य बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं, विपक्षी नेताओं ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को पहले ही हालात का अंदाजा लगाकर उचित कदम उठाने चाहिए थे।
धार्मिक और सामाजिक असर
हजरतबल दरगाह घाटी का प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां अशोक स्तंभ लगाए जाने को लेकर पहले ही कई समूहों में असहमति जताई जा रही थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे संवेदनशील स्थलों पर बिना व्यापक सहमति के कदम उठाना विवाद को जन्म दे सकता है।
स्थिति पर नजर
फिलहाल इलाके में माहौल तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताया जा रहा है। प्रशासन ने अफवाहों पर रोक लगाने के लिए इंटरनेट सेवाओं पर निगरानी बढ़ा दी है और शांति बनाए रखने की अपील की है।