अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही आम जनता से जुड़े कई अहम नियमों में बदलाव हो गया है। ये बदलाव सीधे आपकी जेब और रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालने वाले हैं। एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से लेकर बैंक लोन की किस्त तक, कई क्षेत्रों में नए प्रावधान लागू हो चुके हैं। आइए जानते हैं कि 1 अक्टूबर 2025 से किन नियमों में बदलाव हुए हैं।
एलपीजी सिलेंडर की नई कीमतें
तेल कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव किया है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई समेत कई शहरों में एलपीजी के दाम घटे हैं, जिससे ग्राहकों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, यह कटौती केवल घरेलू सिलेंडरों तक सीमित है, जबकि कमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया।
बैंक लोन पर EMI का बोझ
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में रेपो रेट में मामूली वृद्धि की गई थी, जिसका असर अब बैंकों ने ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है। 1 अक्टूबर से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर EMI में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसका सीधा असर मध्यम वर्गीय परिवारों की मासिक आय-व्यय पर पड़ेगा।
बिजली के नए टैरिफ
कई राज्यों में बिजली कंपनियों ने नई दरें लागू की हैं। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के उपभोक्ताओं के लिए बिजली बिल में थोड़ा इजाफा हुआ है। इसका कारण बढ़ती उत्पादन लागत और रखरखाव खर्च बताया जा रहा है। हालांकि कुछ श्रेणियों के उपभोक्ताओं को सरकार की सब्सिडी मिलती रहेगी।
बीमा पॉलिसी में बदलाव
बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) ने 1 अक्टूबर से कुछ नई शर्तें लागू की हैं। अब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कई गंभीर बीमारियों को कवर किया जाएगा। इसके अलावा, पॉलिसी क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग की सुविधा दी गई है।
GST और इनकम टैक्स नियम
कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में बदलाव किया गया है। इसके अलावा, आयकर विभाग ने ई-फाइलिंग पोर्टल पर नई सुविधाएं जोड़ी हैं, जिससे टैक्स रिटर्न दाखिल करना आसान हो गया है।
1 अक्टूबर 2025 से लागू ये नए नियम सीधे तौर पर आम जनता की जिंदगी को प्रभावित करेंगे। जहां एक ओर सिलेंडर की कीमतों में राहत मिली है, वहीं बैंक लोन और बिजली बिल का बोझ थोड़ा बढ़ गया है। ऐसे में लोगों को अपने घरेलू बजट और वित्तीय योजनाओं को इन बदलावों के हिसाब से ढालना होगा।