अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ का असर वैश्विक व्यापार पर गहराई से दिखना शुरू हो गया है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में आयातित वस्तुओं पर भारी शुल्क बढ़ाने का ऐलान किया है, जिसका सीधा असर भारतीय निर्यात पर पड़ सकता है। खासतौर पर आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटो सेक्टर को तगड़ा झटका लगने की आशंका जताई जा रही है।
भारत की तरक्की पर ब्रेक
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका भारतीय निर्यात का बड़ा बाजार है। ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से भारतीय सामान की लागत बढ़ जाएगी और प्रतिस्पर्धा कमजोर पड़ सकती है। इससे न सिर्फ विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ेगा बल्कि रोजगार सृजन और औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार पर भी असर पड़ सकता है। पहले से धीमी वैश्विक मांग और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चुनौतीपूर्ण स्थिति में ला खड़ा किया है।
आरबीआई की चेतावनी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि सिर्फ GST में कटौती करने से अर्थव्यवस्था को बड़ी राहत नहीं मिलेगी। RBI का मानना है कि निर्यात पर टैरिफ का असर सीधे तौर पर ग्रोथ रेट को प्रभावित करेगा। केंद्रीय बैंक ने सरकार को सलाह दी है कि वह निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कर सुधारों से आगे बढ़कर दीर्घकालिक रणनीति तैयार करे।
उद्योग जगत में बेचैनी
उद्योग संगठन और व्यापार संघों ने भी ट्रंप के इस कदम पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि भारतीय उद्योग पहले ही ऊंचे इनपुट कॉस्ट, महंगे लॉजिस्टिक्स और वैश्विक मंदी से जूझ रहा है। अब यदि अमेरिकी बाजार में अतिरिक्त शुल्क लगाया गया तो निर्यातकों को बड़ा नुकसान होगा। खासकर कपड़ा उद्योग और लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर पर इसका असर सबसे ज्यादा पड़ सकता है।
आगे की राह
आर्थिक विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि भारत को अब नए निर्यात बाजारों की तलाश करनी होगी और घरेलू उपभोग को बढ़ावा देना होगा। साथ ही, तकनीकी नवाचार और उत्पादन लागत घटाने पर जोर देना होगा। सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वित्तीय नीतियां और कर ढांचा निवेशकों और उद्योगों को राहत दे सकें।
ट्रंप के टैरिफ ने भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं। अब चुनौती यह है कि सरकार और उद्योग जगत मिलकर ऐसे कदम उठाएं, जिससे निर्यात को बचाया जा सके और भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी स्थिर रह सके।