बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल औपचारिक रूप से बज गया है। आज से पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस चरण में राज्य के 18 जिलों की कुल 121 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के प्रशासनिक और सुरक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के अनुसार, नामांकन की प्रक्रिया 11 अक्तूबर से शुरू होकर 18 अक्तूबर तक चलेगी, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 19 अक्तूबर को की जाएगी। उम्मीदवार 21 अक्तूबर तक नाम वापस ले सकेंगे। पहले चरण के लिए मतदान 28 अक्तूबर को होगा।
पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, उनमें गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद, अरवल, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, भभुआ, सासाराम, पटना, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, मुंगेर और बांका शामिल हैं। इन जिलों को प्रशासनिक दृष्टि से संवेदनशील माना गया है, इसलिए चुनाव आयोग ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती का निर्णय लिया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों और समर्थकों को आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य होगा। नामांकन स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग, सुरक्षा जांच और पहचान सत्यापन के कड़े प्रावधान किए गए हैं। उम्मीदवार अधिकतम चार लोगों के साथ नामांकन स्थल में प्रवेश कर सकेंगे।
राजनीतिक दलों ने भी अपने प्रत्याशियों की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ एनडीए और महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-लेफ्ट) के बीच सीट बंटवारे पर गहन मंथन जारी है। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जन अधिकार पार्टी जैसी क्षेत्रीय पार्टियां भी अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में दमखम दिखाने की तैयारी में हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि बिहार चुनाव 2025 एक बार फिर जातीय समीकरणों, विकास एजेंडे और युवाओं के रोजगार के मुद्दों पर टिका रहेगा। पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होगा, वे दक्षिण और मगध क्षेत्र के राजनीतिक रूप से प्रभावशाली इलाके हैं, जो राज्य की सत्ता की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।