दीपावली की रात दिल्ली-एनसीआर में उत्सव की चमक के साथ-साथ वायु प्रदूषण का साया भी गहराता नजर आया। लोगों ने नियमों की अनदेखी करते हुए जमकर पटाखे फोड़े, जिसके चलते क्षेत्र की हवा एक बार फिर “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 405 दर्ज किया गया, जबकि गुरुग्राम और नोएडा में यह क्रमशः 398 और 402 के पार चला गया।
त्योहार के बाद की सुबह लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। सफदरजंग, आनंद विहार, अशोक विहार और द्वारका जैसे इलाकों में तो AQI 420 तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों के धुएं और मौजूदा पराली जलाने की घटनाओं ने मिलकर हवा को जहरीला बना दिया है।
इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी हवाएं इस सप्ताह धीमी रहने की वजह से प्रदूषक तत्व वातावरण में फंसे रहेंगे। इससे अगले दो दिनों तक AQI “गंभीर” श्रेणी में बने रहने की संभावना है। वहीं, दिल्ली सरकार ने स्थिति को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रक एंट्री पर प्रतिबंध और स्कूलों में खेलकूद गतिविधियों पर अस्थायी विराम लगाया गया है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर तुरंत नियंत्रणात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले सप्ताह में स्थिति और बिगड़ सकती है। डॉक्टरों ने खास तौर पर अस्थमा, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोगों को N-95 मास्क पहनने और सुबह की सैर से बचने की सलाह दी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने स्तर पर प्रदूषण घटाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, “त्योहार की खुशियां मनाना जरूरी है, लेकिन हमें अपने बच्चों के भविष्य और सांसों की कीमत पर नहीं।”
वहीं पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने यह भी सवाल उठाया है कि हर साल दिवाली के बाद एक जैसी स्थिति बनने के बावजूद ठोस और स्थायी समाधान क्यों नहीं खोजा जा रहा।