पूर्वी एशिया के समुद्री तटों पर एक बार फिर प्रकृति का कहर मंडराने लगा है। तूफान ‘फेंगशेन’ (Typhoon Fengshen) तेजी से ताकत बटोर रहा है और 72 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले 48 घंटों में इसके प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत और तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
ब्लू अलर्ट जारी, तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ी
IMD ने सोमवार को ‘ब्लू अलर्ट’ जारी किया है, जो शुरुआती चेतावनी स्तर है। इसका मतलब है कि अगले कुछ दिनों में मौसम की स्थिति तेजी से बिगड़ सकती है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, त्रिपुरा और असम में प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। स्थानीय मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है, जबकि बंदरगाहों पर जहाजों की आवाजाही सीमित कर दी गई है।
तेज हवाएं और मूसलाधार बारिश की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान फेंगशेन वर्तमान में दक्षिण चीन सागर के ऊपर केंद्रित है और अगले 24 घंटों में इसके और भी शक्तिशाली चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यदि इसका रुख उत्तर-पूर्व की ओर बना रहता है, तो इसका असर बंगाल की खाड़ी के किनारे वाले भारतीय हिस्सों पर भी पड़ सकता है।
पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के कुछ हिस्सों में 100 मिमी से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। वहीं, तेज हवाओं से बिजली के खंभे, पेड़ और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
NDRF और राज्य एजेंसियां तैयार
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी तटीय राज्यों को स्थिति पर लगातार नजर रखने और आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीमें पहले से ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राहत उपकरणों के साथ मौजूद हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविर और सुरक्षित ठिकाने तैयार रखे हैं ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को तत्काल वहां पहुंचाया जा सके।
विशेषज्ञों की चेतावनी: जलवायु परिवर्तन का असर
मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि समुद्री सतह का बढ़ता तापमान तूफानों की तीव्रता को और बढ़ा रहा है। फेंगशेन भी इसी प्रवृत्ति का हिस्सा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अब हर वर्ष औसतन अधिक शक्तिशाली चक्रवात बन रहे हैं, जो जलवायु परिवर्तन का सीधा संकेत है।
जनता से अपील: सुरक्षित रहें, अफवाहों से बचें
सरकारी एजेंसियों ने जनता से आग्रह किया है कि वे आधिकारिक मौसम अपडेट्स पर भरोसा करें और अनावश्यक रूप से तटीय क्षेत्रों की यात्रा से बचें। स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी की संभावना पर राज्य सरकारें विचार कर रही हैं।
तूफान फेंगशेन भले ही अभी समुद्र में है, लेकिन उसकी गति और दिशा को देखते हुए अगले कुछ दिनों में तटीय इलाकों में “तबाही वाली बारिश” से इनकार नहीं किया जा सकता। मौसम विभाग का कहना है कि स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर ऑरेंज या रेड अलर्ट भी जारी किया जा सकता है।