दीपावली की पूर्व संध्या पर प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में आस्था, भक्ति और भव्यता का संगम देखने को मिला। सरयू घाट पर दीपों की सुनहरी झिलमिलाहट ने जैसे स्वर्गिक दृश्य रच दिया। इस वर्ष अयोध्या दीपोत्सव 2025 के दौरान 26 लाख से अधिक मिट्टी के दीयों से पूरी रामनगरी जगमगा उठी। इस अद्भुत आयोजन ने न केवल देशभर में उत्साह भर दिया, बल्कि दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम किए।
दो विश्व रिकॉर्ड एक साथ बने
पहला रिकॉर्ड — “एक ही स्थान पर सर्वाधिक दीयों को एक साथ प्रज्वलित करने” का, जबकि दूसरा — “एक साथ सबसे अधिक लोगों द्वारा आरती करने” का रहा। इस ऐतिहासिक पल में 2128 लोगों ने एक साथ सरयू घाट पर महाआरती कर विश्व को ‘रामभक्ति’ की अनोखी मिसाल दी। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम के प्रतिनिधियों ने मौके पर ही इन रिकॉर्ड्स की आधिकारिक घोषणा की।
रामलला की नगरी में दिव्यता का आलोक
राम मंदिर परिसर, कनक भवन, हनुमानगढ़ी और सरयू घाट से लेकर पूरी अयोध्या दीपमालाओं से नहा उठी। जैसे ही सूर्य अस्त हुआ, घाटों पर जलते दीपों ने आकाश को सुनहरी रोशनी से भर दिया। भक्तों ने “जय श्रीराम” के जयघोष से वातावरण गुंजायमान कर दिया। चारों ओर पुष्पवर्षा, संगीत और शंखनाद की गूंज ने माहौल को अलौकिक बना दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के दौरान कहा, “अयोध्या अब न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि विश्व स्तर पर सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बन चुकी है।” उन्होंने प्रदेशवासियों से पर्यावरण-संवेदनशील दीपावली मनाने की अपील की।
भक्ति और संस्कृति का अनूठा संगम
कार्यक्रम में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रंग-बिरंगी झांकियों, रामायण काल की झलकियों और लेज़र शो ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। दीपोत्सव के आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि अयोध्या अब आध्यात्मिक पर्यटन का वैश्विक केंद्र बन चुकी है।
दीयों की जगमगाहट और भक्तिभाव से सराबोर इस दीपोत्सव ने न केवल भगवान राम की नगरी को आलोकित किया, बल्कि भारत की संस्कृति, एकता और अध्यात्म का संदेश भी विश्वभर में फैलाया।