दीपावली से ठीक एक दिन पहले दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। सोमवार सुबह प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया, जिसके बाद केंद्र और दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के तहत GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) की स्टेज-II लागू कर दी है।
AQI 380 के पार, सांस लेना हुआ मुश्किल
सफर (SAFAR) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजधानी दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 380 के पार पहुंच गया है। कई इलाकों—आनंद विहार, अशोक विहार, द्वारका और नोएडा सेक्टर-62—में तो AQI 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण के कारण आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं।
आम जनता के लिए चेतावनी और प्रतिबंध
पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (CAQM) ने GRAP की दूसरी स्टेज लागू करते हुए निर्माण कार्य, सड़क धूल, कूड़ा जलाने और डीजल जनरेटरों के उपयोग पर सख्त निगरानी के आदेश दिए हैं। स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे सुबह की असेंबली सीमित करें और आउटडोर खेल गतिविधियां अस्थायी रूप से रोक दें। बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा रोगियों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की चेतावनी जारी की गई है।
पटाखों पर सख्ती और जिम्मेदारी की अपील
दिल्ली सरकार ने साफ कहा है कि दीपावली पर किसी भी तरह के पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं होगी। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि “त्योहार की खुशी रोशनी से मनाएं, धुएं से नहीं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का 30% हिस्सा आसपास के राज्यों में पराली जलाने से आता है, लेकिन स्थानीय स्तर पर वाहनों और पटाखों का योगदान भी बड़ा है।
जन सहयोग से ही संभव होगा समाधान
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नागरिक नियमों का पालन करें और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग बढ़ाएं तो प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिल सकती है। वहीं, मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों में हल्की हवा चलने से स्थिति में मामूली सुधार संभव है।
दिल्ली-एनसीआर में हर साल दीपावली के आसपास बढ़ता प्रदूषण अब स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। इस बार भी सरकार और जनता दोनों के सामने चुनौती यही है—त्योहार की चमक बरकरार रखते हुए, सांसों की सलामती कैसे बचाई जाए।