अयोध्या, भगवान श्रीराम की नगरी, दीपोत्सव से पहले ही जगमगाने लगी है। इस बार आयोजन न सिर्फ भव्य होने जा रहा है बल्कि रिकॉर्ड बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा चुका है। रविवार को सरयू तट पर आयोजित महाआरती में लगभग 21,000 श्रद्धालु शामिल हुए — जो अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी मानी जा रही है।
सरयू आरती में देश के कई राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। आरती के दौरान ‘जय श्रीराम’ के जयघोष से पूरा घाट क्षेत्र गूंज उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष पहल पर इस बार दीपोत्सव को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस मौके पर प्रशासन ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए। घाटों पर अतिरिक्त पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गईं ताकि किसी प्रकार की भीड़भाड़ से जनहानि न हो।
जिला प्रशासन के अनुसार, इस वर्ष का दीपोत्सव पिछले सभी आयोजनों से बड़ा होगा। अनुमान है कि एक करोड़ से अधिक दीप राम की पैड़ी पर जलाए जाएंगे — जो न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए दावेदार बनेगा, बल्कि अयोध्या की पहचान को वैश्विक स्तर पर एक नई ऊंचाई देगा। नगर निगम और पर्यटन विभाग ने शहर की सड़कों, चौक-घाटों और मंदिरों को विशेष रूप से सजाया है। हर गली में रंग-बिरंगी रोशनी और रामायण के प्रसंगों पर आधारित झांकियों की तैयारी चल रही है।
इस बार अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल गाइड, विशेष पार्किंग व्यवस्था और ड्रोन निगरानी जैसी व्यवस्थाएं भी की गई हैं। प्रशासन ने बताया कि दीपोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों में राम-लला दर्शन, रामायण सांस्कृतिक झांकी, आतिशबाजी शो और संगीतमय रामकथा शामिल होंगे।
स्थानीय व्यापारी और होटल मालिकों का कहना है कि दीपोत्सव ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंक दी है। शहर में पर्यटकों की आमद से कारोबार दोगुना हो गया है। वहीं, मंदिर परिसर और सरयू घाट पर साफ-सफाई के लिए नगर निगम की टीम लगातार सक्रिय है।
दीपोत्सव 2025 को “रामराज्य के प्रकाश” के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है — जहां धर्म, संस्कृति और पर्यटन एक साथ चमकने जा रहे हैं।