इस साल दिवाली देश की अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित हुई। बाजारों में खरीदारों की ऐसी रौनक देखने को मिली जैसी पिछले कई वर्षों में नहीं देखी गई थी। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली 2025 के दौरान देशभर में 6.05 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड तोड़ कारोबार हुआ। यह आंकड़ा भारत के व्यापारिक इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा त्योहारी कारोबार माना जा रहा है।
स्वदेशी उत्पादों की मांग में जबरदस्त उछाल
इस बार उपभोक्ताओं ने “वोकल फॉर लोकल” अभियान को अपनाते हुए स्वदेशी उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता दी। मिठाइयों, सजावटी वस्तुओं, कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल्स और FMCG सेक्टर में बिक्री ने नया मुकाम छुआ। खासतौर पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, स्मार्टफोन और घरेलू उपकरणों की मांग में 40% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके अलावा, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी 1.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऑनलाइन व्यापार हुआ।
छोटे व्यापारियों को भी बड़ा लाभ
दिल्ली, मुंबई, जयपुर, सूरत, लखनऊ और इंदौर जैसे प्रमुख बाजारों में इस बार छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों को भी बंपर मुनाफा हुआ। स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्प निर्माताओं और दीये-बतियों के विक्रेताओं के लिए यह दिवाली उम्मीद से कहीं बेहतर रही। मेक इन इंडिया उत्पादों की मांग बढ़ने से ग्रामीण उद्योगों में भी तेजी आई।
आर्थिक मोर्चे पर उत्साह
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह दिवाली देश की मजबूत उपभोक्ता भावना का संकेत है। उन्होंने बताया कि इस बार केवल शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण बाजारों में भी रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई। त्योहारी खरीदारी के इस बूम से आने वाले महीनों में GDP ग्रोथ और रोजगार सृजन को भी बल मिलने की संभावना है।
दिवाली 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारत का खुदरा और उपभोक्ता बाजार अब पूरी तरह पुनर्जीवित हो चुका है। आर्थिक सुस्ती के दौर के बाद यह त्योहारी सीजन न केवल कारोबारियों के चेहरों पर मुस्कान लाया, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा दी।