कर्नाटक की सियासत एक बार फिर उथल-पुथल से गुजर रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच बढ़ते तनाव ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। पार्टी के भीतर सत्ता संतुलन को लेकर जारी खींचतान अब इतनी तीखी हो चुकी है कि अंतिम फैसला दिल्ली में हाईकमान के स्तर पर लिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल, संगठन में बदलाव और नेतृत्व संतुलन जैसे मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से मतभेद चल रहे थे। हालांकि, हाल के घटनाक्रम ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। माना जा रहा है कि शिवकुमार समर्थक विधायकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो भविष्य में नेतृत्व परिवर्तन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इसी बीच सिद्धारमैया खेमे का तर्क है कि सरकार स्थिर है और चुनावी वादों को लागू करने के लिए निरंतरता जरूरी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सत्ता संघर्ष कांग्रेस सरकार के लिए कठिन चुनौती साबित हो सकता है। प्रदेश में किसान कर्ज माफी, आरक्षण सुधार, और बुनियादी ढांचे पर बड़े फैसलों के बीच नेतृत्व विवाद शासन पर सीधा असर डाल सकता है। यही कारण है कि पार्टी आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया है, ताकि विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाया जा सके।
कांग्रेस नेतृत्व की प्राथमिकता फिलहाल सरकार को गिरने से बचाना और आंतरिक असंतोष को नियंत्रण में रखना है। बताया जा रहा है कि पार्टी हाईकमान दोनों नेताओं के बीच सत्ता-साझेदारी के नए फार्मूले पर चर्चा कर सकता है। कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि शिवकुमार को भविष्य के नेतृत्व के लिए आश्वासन दिया जा सकता है, जबकि सिद्धारमैया फिलहाल मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।
यह पहली बार नहीं है जब कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर तनातनी बढ़ी हो। इससे पहले 2019 और 2023 में भी इसी तरह की स्थिति पैदा हुई थी, जिसका परिणाम सरकार की स्थिरता पर भारी पड़ा था। पार्टी इस बार उसी गलती को दोहराने से बचना चाहती है।
राज्य की राजनीतिक हलचल के बीच विपक्ष भी सक्रिय हो गया है। भाजपा और जेडीएस इस विवाद को कांग्रेस की कमजोर कड़ी बताकर जनता में उसे भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अब सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं, जहां होने वाली बैठकों में कर्नाटक की सत्ता संतुलन पर बड़ा फैसला होने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में यह तय होगा कि कांग्रेस सरकार अपनी आंतरिक दरारों को पाट पाएगी या संकट और गहराएगा।