देश के कई हिस्सों में वर्ष 2025 की विदाई और नए साल 2026 के स्वागत के बीच मौसम ने करवट ले ली है। 31 दिसंबर को उत्तर भारत से लेकर पूर्व और मध्य भारत के कई राज्यों में बारिश, तेज हवाओं और ठंड में इजाफे ने लोगों को चौंका दिया। मौसम विभाग ने नए साल से पहले ही सात राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है, जिससे जनजीवन और यात्रा योजनाओं पर असर पड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के चलते उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी की भी संभावना जताई गई है, जिससे मैदानी क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चल रही हैं और तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई इलाकों में घने बादल छाए रहे और कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई। इससे कोहरे की स्थिति और गंभीर हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि नए साल की सुबह कई क्षेत्रों में दृश्यता कम रह सकती है, जिसका असर सड़क और रेल यातायात पर पड़ सकता है। हवाई सेवाओं में भी देरी की आशंका जताई गई है।
पूर्वी भारत में खासकर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में बारिश के साथ तेज हवाएं चलने का अनुमान है। किसानों के लिए यह मौसम दोहरी चुनौती लेकर आया है। जहां एक ओर रबी फसलों को नमी से फायदा हो सकता है, वहीं अधिक बारिश से कटाई और भंडारण में दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसल सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे नए साल के जश्न के दौरान मौसम अपडेट पर नजर रखें। ठंड और बारिश को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पहाड़ी और संवेदनशील इलाकों में यात्रा करने वालों को भी सतर्क रहने को कहा गया है।
कुल मिलाकर, इस बार नए साल की शुरुआत कई राज्यों में बारिश और ठंड के साथ होने जा रही है। जहां एक ओर मौसम ने जश्न में खलल डाला है, वहीं यह बदलाव जलस्तर और पर्यावरण के लिहाज से राहत भरा भी माना जा रहा है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि नए साल के पहले दिन मौसम कितना मेहरबान रहता है।