वर्ष 2025 के अंत में भारत ने वैश्विक आर्थिक मंच पर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। ताजा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक आकलनों के अनुसार भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और उसने इस क्रम में जापान को पीछे छोड़ दिया है। यह उपलब्धि भारत की तेज आर्थिक वृद्धि, मजबूत घरेलू मांग और संरचनात्मक सुधारों का परिणाम मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और वैश्विक थिंक टैंकों के अनुमानों के मुताबिक भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगातार मजबूती देखने को मिली है। बीते कुछ वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था ने औसतन 6 से 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की, जबकि कई विकसित अर्थव्यवस्थाएं सुस्ती और मंदी के दबाव से जूझती रहीं। जापान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से कम विकास दर, वृद्ध होती आबादी और घरेलू मांग में कमजोरी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसका असर उसकी वैश्विक रैंकिंग पर पड़ा।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की इस छलांग के पीछे कई अहम कारण हैं। बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा, डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार और स्टार्टअप इकोसिस्टम की मजबूती ने आर्थिक गतिविधियों को नई गति दी है। “मेक इन इंडिया”, “डिजिटल इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे अभियानों ने देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
घरेलू खपत भारत की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी है। देश की बड़ी युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग और शहरीकरण ने बाजार को निरंतर विस्तार दिया है। इसके साथ ही सेवा क्षेत्र, आईटी, फार्मा, ऑटोमोबाइल और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सेक्टरों ने भारत की आर्थिक वृद्धि में निर्णायक भूमिका निभाई है। निर्यात में भी स्थिर सुधार देखने को मिला है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत हुआ है।
सरकार की नीतिगत स्थिरता और सुधारों पर निरंतर जोर को भी इस उपलब्धि का अहम आधार माना जा रहा है। कर सुधार, बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार, सार्वजनिक पूंजीगत खर्च और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण जैसी योजनाओं ने आर्थिक तंत्र को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया है। वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और भारत विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है।
हालांकि विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। रोजगार सृजन, आय असमानता, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर निरंतर ध्यान देना जरूरी होगा।
कुल मिलाकर, जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल देश की आर्थिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि आने वाले वर्षों में भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में और मजबूत बनाने की दिशा भी तय करता है।