इस्लामाबाद, 16 मई 2025 — पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने घोषणा की है कि भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान युद्धविराम को 18 मई तक बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद लिया गया, जिसका उद्देश्य सीमा पर तनाव को कम करना और राजनीतिक संवाद का मार्ग प्रशस्त करना है।
हालांकि पाकिस्तान ने युद्धविराम के विस्तार की पुष्टि की है, भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारतीय सेना ने अपनी सतर्कता बनाए रखी है और किसी भी संभावित उल्लंघन के प्रति तैयार है।
यह युद्धविराम 10 मई को दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच हुई बातचीत के बाद लागू हुआ था, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न तनाव के मद्देनजर था। भारत ने इस हमले के जवाब में 7 मई को "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका, ने इस युद्धविराम को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले इस युद्धविराम में अपनी भूमिका को प्रमुख बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे "सहायक" भूमिका तक सीमित कर दिया।
पाकिस्तान ने इस युद्धविराम को शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी आक्रामकता का निर्णायक जवाब दिया जाएगा।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ प्रमुख लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद सैन्य कार्रवाई को रोकने का निर्णय लिया गया है।
हालांकि युद्धविराम लागू है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच विश्वास की कमी और सीमा पर छिटपुट घटनाओं की खबरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थायी शांति के लिए दोनों देशों के बीच निरंतर संवाद और विश्वास-निर्माण उपायों की आवश्यकता है।