दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 इस वर्ष असामान्य तेजी से भारत में प्रवेश कर रहा है, जिससे मौसम वैज्ञानिक और आम जनता दोनों ही चौंकित हैं। आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है, लेकिन इस बार यह 24 मई को ही पहुंच गया, जो पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी है ।
मानसून की तेजी का कारण
इस वर्ष मानसून की जल्दी शुरुआत के पीछे कई प्रमुख कारण हैं:
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समुद्री तापमान में वृद्धि: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक रहा, जिससे मानसूनी हवाएं सक्रिय हुईं।
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नमी युक्त हवाएं: पूर्वी दिशा से आने वाली नमी युक्त हवाओं ने वातावरण में नमी बढ़ाई, जिससे बारिश और तूफानी गतिविधियों में तेजी आई ।
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जलवायु परिवर्तन: वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, जिससे मानसून की समयसीमा प्रभावित हो रही है ।
राज्यों में मानसून की स्थिति
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केरल: 24 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दी, जो सामान्य तिथि से 8 दिन पहले है ।
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महाराष्ट्र: मॉनसून ने महाराष्ट्र में भी समय से पहले प्रवेश किया है, जो पिछले 15 वर्षों में सबसे जल्दी है ।
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मध्य प्रदेश: 16 वर्षों में पहली बार मानसून निर्धारित समय से पहले पहुंच रहा है, जिससे राज्य के 49 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है ।
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दिल्ली-एनसीआर: पूर्वी नमी युक्त हवाओं के प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश और आंधी-तूफान की स्थिति बनी हुई है ।
संभावित प्रभाव
मानसून की जल्दी शुरुआत से किसानों को राहत मिल सकती है, विशेषकर तापमान में गिरावट और जलस्तर में सुधार के मद्देनजर। हालांकि, अत्यधिक बारिश से बाढ़ और जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जिससे सतर्कता आवश्यक है।