रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन ने अब तक का सबसे बड़ा और सुनियोजित ड्रोन हमला किया है। मीडिया रिपोर्टों और पश्चिमी खुफिया सूत्रों के अनुसार, यूक्रेन की विशेष सैन्य इकाइयों ने रूसी सरहद के भीतर घुसकर 40 से अधिक सैन्य विमानों को निशाना बनाया है। यह हमला न केवल रूस की सैन्य ताकत पर सीधा वार माना जा रहा है, बल्कि युद्ध के मोर्चे पर एक नई रणनीतिक दिशा भी तय कर सकता है।
हमले की योजना डेढ़ साल से बन रही थी
रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय और उसके खुफिया तंत्र ने इस हमले की योजना पिछले 18 महीनों से बनाई थी। इस ऑपरेशन के लिए विशेष प्रकार के लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन्स विकसित किए गए थे, जिनकी रेंज 1000 किलोमीटर से भी अधिक बताई जा रही है। यह हमला रूस के अंदर स्थित क्रास्नोडार और स्टावरोपोल जैसे रणनीतिक हवाई अड्डों पर किया गया, जहां रूस के लड़ाकू और निगरानी विमान तैनात थे।
रूस की वायु सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल
इस हमले ने रूस की वायु सुरक्षा प्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रूस की तरफ से इस हमले की आधिकारिक पुष्टि तो नहीं की गई है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और सैटेलाइट इमेज में जलते हुए विमानों और सैन्य ठिकानों की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। पश्चिमी रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला साइबर, जासूसी और ड्रोन तकनीक का मिश्रण है, जिसमें यूक्रेन ने बेहद सावधानीपूर्वक काम किया।
नए चरण में युद्ध, बदलेगी रणनीति?
रूस के भीतर इस तरह के बड़े हमले पहले भी हुए हैं, लेकिन इतने व्यापक पैमाने पर सैन्य संपत्ति को नुकसान पहली बार देखने को मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला युद्ध को एक नए चरण में ले जा सकता है, जहां यूक्रेन अब केवल रक्षात्मक मुद्रा में नहीं रहेगा, बल्कि आक्रामक और रणनीतिक जवाबी कार्रवाई भी करेगा।
यूक्रेन की चेतावनी: और भी होंगे हमले
यूक्रेन के रक्षा अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह हमला कोई isolated operation नहीं था, बल्कि भविष्य में और भी ऐसी कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जब तक रूस यूक्रेनी ज़मीन से अपने सैनिकों को पूरी तरह नहीं हटाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: बढ़ी चिंता
अमेरिका और यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देशों ने इस हमले पर चिंता जताई है। हालांकि उन्होंने यूक्रेन की "आत्मरक्षा के अधिकार" का समर्थन किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि तनाव को और न बढ़ाया जाए।