गुवाहाटी/आइजोल, 2 जून 2025: पूर्वोत्तर भारत एक बार फिर बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में है। असम और मिजोरम में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। ब्रह्मपुत्र और बराक समेत कम-से-कम 10 नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन की वजह से अब तक 40 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों परिवार बेघर हो चुके हैं।
नदी किनारे बसे गांव जलमग्न
असम के लखीमपुर, धेमाजी, बारपेटा और कछार जिलों में सबसे अधिक तबाही देखी गई है। वहीं मिजोरम के कोलासिब, सियाहा और आइजोल ज़िलों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। स्थानीय प्रशासन ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राहत शिविरों में पीड़ितों के लिए भोजन, पानी और दवाओं की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।
ब्रह्मपुत्र और बराक का कहर
ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। बराक नदी ने सिलचर और आसपास के इलाकों में कहर बरपाया है। निचले क्षेत्रों में जलभराव और फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। सड़कें टूट गई हैं, पुल बह गए हैं और कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है।
राज्य सरकार की आपात बैठक
असम और मिजोरम की राज्य सरकारों ने आपातकालीन बैठक कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों को तेज़ करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदूहोमा ने केंद्र सरकार से और सहायता की मांग की है।
भविष्य की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। लोगों को नदी किनारे या पहाड़ी इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है।