ओडिशा के बालासोर ज़िले से सामने आए एक हृदय विदारक मामले में एफएम कॉलेज की छात्रा, जिसने कॉलेज के एचओडी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्मदाह किया था, अब जिंदगी की जंग हार गई है। छात्रा का इलाज बीते दिनों से AIIMS भुवनेश्वर में चल रहा था, जहां सोमवार रात उसने अंतिम सांस ली।
मूल रूप से छात्रा ने 2 जुलाई को कॉलेज परिसर में खुद को आग लगा ली थी। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से कॉलेज के राजनीतिक विज्ञान विभागाध्यक्ष (HOD) के दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना से जूझ रही थी। आत्मदाह से पहले उसने एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसमें उसने HOD पर गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे और कहा था कि न्याय न मिलने की स्थिति में उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
परिवार और छात्रों में आक्रोश
छात्रा की मौत की खबर सामने आते ही स्थानीय लोगों, छात्र संगठनों और परिवार में गहरा आक्रोश फैल गया है। पीड़िता के परिवार वालों का कहना है कि यदि समय रहते कॉलेज प्रशासन और पुलिस ने गंभीरता दिखाई होती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने आरोपी HOD की तत्काल गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और जांच
इस मामले में ओडिशा सरकार की ओर से विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और भरोसा दिलाया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं विपक्षी दलों ने इसे "प्रशासनिक लापरवाही" का मामला बताते हुए राज्य सरकार की आलोचना की है।
महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
इस घटना ने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। देशभर में छात्र संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने छात्रा को न्याय दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज़ कर दिए हैं।
यह त्रासदी केवल एक छात्रा की नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र और समाज की असंवेदनशीलता का प्रतीक है। अब ज़रूरत है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय हो और छात्राओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।