अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपने तीखे तेवर दिखाए हैं। इस बार निशाने पर है रूस और उसका यूक्रेन पर जारी सैन्य अभियान। ट्रंप ने एक बेहद सख्त और स्पष्ट चेतावनी देते हुए रूस से कहा है कि वह “अगले 50 दिनों के भीतर युद्ध को खत्म करे, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” यह बयान न सिर्फ अमेरिकी विदेश नीति में एक नया मोड़ है, बल्कि रूस-अमेरिका संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है।
ट्रंप का बदला हुआ रुख?
ट्रंप, जो पहले अपने कार्यकाल में रूस के साथ नरमी बरतने के लिए जाने जाते थे, अब यूक्रेन युद्ध के मामले में खुलकर आक्रामक हो गए हैं। व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, “हम अब और देरी बर्दाश्त नहीं कर सकते। रूस को युद्ध समाप्त करने के लिए 50 दिनों की समयसीमा दी जा रही है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमेरिका अपने सभी विकल्पों पर गंभीरता से विचार करेगा।”
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब यूक्रेन में हाल के सप्ताहों में रूसी हमलों में तीव्रता आई है और नागरिक क्षेत्रों को बार-बार निशाना बनाया गया है। इन हमलों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों बेघर हो चुके हैं।
कूटनीतिक हल या सैन्य दबाव?
हालांकि ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि "गंभीर परिणाम" से उनका आशय आर्थिक प्रतिबंधों से है या सैन्य हस्तक्षेप से, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह अमेरिका की रणनीति में एक निर्णायक मोड़ हो सकता है। अमेरिकी विदेश विभाग के सूत्रों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन इस समय नाटो सहयोगियों के साथ मिलकर एक सामूहिक जवाबी योजना पर काम कर रहा है।
रूस की प्रतिक्रिया
क्रेमलिन ने ट्रंप की टिप्पणी को “राजनीतिक धमकी” करार दिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका को अपने घरेलू चुनावी एजेंडे के लिए अंतरराष्ट्रीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पुतिन के करीबी सलाहकारों ने यह भी संकेत दिया है कि रूस अपनी रणनीति में कोई बदलाव नहीं करेगा और यूक्रेन में "विशेष सैन्य अभियान" जारी रहेगा।
आखिर ट्रंप अचानक क्यों भड़के?
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनावों की आहट के बीच ट्रंप अपनी वैश्विक नेतृत्व की छवि को मज़बूत करना चाहते हैं। इसके अलावा, हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका से और अधिक प्रत्यक्ष समर्थन की मांग की थी, जिससे ट्रंप प्रशासन पर दबाव बढ़ गया।
यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को एक बार फिर अस्थिर बना दिया है। अब सभी की निगाहें अगले 50 दिनों पर हैं – क्या रूस झुकेगा या फिर दुनिया को एक और टकराव का सामना करना पड़ेगा?