बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया जोरों पर है। राज्य निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अभी तक कुल 6.60 करोड़ लोगों ने मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है। वहीं, वेरिफिकेशन के दौरान करीब 29 लाख नामों को सूची से हटाया गया है, जिनमें मृतक, डुप्लिकेट और स्थानांतरित मतदाता शामिल हैं।
मतदाता सूची के इस विशेष संवीक्षण अभियान की अंतिम तारीख नजदीक है। अब केवल 11 दिन का समय शेष है, जिसके भीतर फॉर्म भरने, दस्तावेज जमा करने और पहचान की पुष्टि कराने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। 1 अगस्त 2025 को बिहार की नई मतदाता सूची को सार्वजनिक किया जाएगा।
डिजिटल और फिजिकल दोनों मोड में प्रक्रिया
राज्य निर्वाचन कार्यालय ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और सुधार की प्रक्रिया को डिजिटल और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चलाया है। NVSP पोर्टल और वोटर हेल्पलाइन ऐप जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिये लोग बड़ी संख्या में आवेदन कर रहे हैं। वहीं, बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर वेरिफिकेशन का काम कर रहे हैं।
क्यों हटाए गए 29 लाख नाम?
निर्वाचन आयोग के अनुसार, जिन मतदाताओं की दोहरी प्रविष्टि थी, जो अन्य स्थान पर स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम हटाए गए हैं। इसके अलावा, कई मामलों में आधार और अन्य पहचान पत्रों से मेल न खाने की स्थिति में भी नामों को विलोपित किया गया है।
आयोग की अपील
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि जो भी व्यक्ति अभी तक वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज नहीं करा सका है या जिनके दस्तावेज अधूरे हैं, वे जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर लें। उन्होंने बताया कि एक बार अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद संशोधन का अगला मौका चुनाव के बहुत करीब ही मिलेगा।
बिहार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती के लिए मतदाता सूची का यह अद्यतन महत्वपूर्ण कदम है। नागरिकों से अपेक्षा की जा रही है कि वे अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की चूक से बचें।