अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 में फिर से निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने घोषणा की है कि अगर रूस युद्धविराम के लिए तैयार नहीं होता, तो अमेरिका यूक्रेन को ऐसे "अत्याधुनिक हथियार" देगा जो मॉस्को में तबाही मचाने की ताकत रखते हैं। इस बयान के बाद दुनिया भर में तीसरे विश्वयुद्ध की आशंका गहराने लगी है।
ट्रंप का स्पष्ट अल्टीमेटम
डोनाल्ड ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“रूस को 50 दिनों के भीतर युद्ध समाप्त करना होगा, अन्यथा यूक्रेन को वे हथियार दिए जाएंगे जो मॉस्को को भी नहीं छोड़ेंगे।”
उनकी इस चेतावनी ने न केवल रूस को सतर्क कर दिया है, बल्कि नाटो देशों, चीन और संयुक्त राष्ट्र तक में खलबली मचा दी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि अमेरिका की सक्रिय भागीदारी की घोषणा है।
यूक्रेन को मिलने वाले हथियार कितने खतरनाक?
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइलें, ड्रोन झुंड प्रणाली, और AI आधारित हथियार प्रणाली मुहैया कराने की योजना बना रहा है। इन हथियारों की विशेषता यह है कि ये पारंपरिक रक्षा तंत्र को भेदने की क्षमता रखते हैं और रणनीतिक ठिकानों को पल भर में ध्वस्त कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये हथियार इस्तेमाल हुए, तो मॉस्को या अन्य रूसी शहरों पर गंभीर असर पड़ सकता है। इससे रूस की ओर से परमाणु प्रतिक्रिया की भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता।
रूस की तीखी प्रतिक्रिया
रूसी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान को “खुले युद्ध का निमंत्रण” बताया है। रूस के रक्षा प्रवक्ता ने कहा,
“यदि अमेरिका इस तरह की आक्रामक नीति अपनाता है, तो रूस अपनी सम्पूर्ण सैन्य शक्ति का जवाब में प्रयोग करेगा।”
इस बयान ने वैश्विक बाजारों में भी हलचल मचा दी है। कच्चे तेल के दाम तेजी से बढ़े हैं और यूरोप में शेयर बाज़ार गिरावट के साथ खुले हैं।
विश्वयुद्ध का खतरा?
वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट जैसी गंभीर हो सकती है। अगर अमेरिका और रूस आमने-सामने आते हैं, तो इसका असर केवल यूरोप या यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एशिया, अफ्रीका और यहां तक कि भारत जैसे देशों पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।
संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल शांति वार्ता की अपील की है और एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक विदेश नीति और रूस-यूक्रेन संघर्ष में अमेरिका की सीधी हस्तक्षेप की आशंका ने वैश्विक स्थिरता को खतरे में डाल दिया है। अब सवाल यही है कि क्या यह रणनीति रूस पर दबाव बनाएगी या विश्व युद्ध की दिशा में एक और खतरनाक कदम होगी?