देश के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में इस बार समय-पूर्व मानसून ने भारी तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश से भूस्खलन, बादल फटने और मकानों के गिरने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। अब तक दोनों राज्यों में मिलाकर 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता हैं। दर्जनों सड़कें, पुल और बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश में भीषण बारिश का कहर
हिमाचल के चंबा, मंडी, कांगड़ा और शिमला जिलों में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है। पहाड़ दरकने और मलबा गिरने से हाईवे ठप हो गए हैं। चंबा में बादल फटने की घटना में एक ही परिवार के चार सदस्य मारे गए, जबकि कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
उत्तराखंड में भी हालात भयावह
उत्तराखंड के उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में नदी-नालों में आई उफान ने तबाही मचाई है। केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। चारधाम यात्रा मार्गों पर जगह-जगह भूस्खलन के कारण यातायात बाधित है। रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, प्रशासन ने निचले इलाकों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है।
देशभर में बाढ़ की स्थिति गंभीर
उत्तर भारत के कई राज्यों—पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी नदियां उफान पर हैं। गंगा, यमुना, घाघरा और बागमती जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खेत डूबने से फसलें बर्बाद हो रही हैं और हजारों परिवारों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
एनडीआरएफ की टीमें तैनात, मौसम विभाग का अलर्ट
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कई टीमें प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य में लगी हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में और अधिक बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।