उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कथित धर्मांतरण नेटवर्क की सक्रियता की जानकारी ने प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, जिले की 97 महिलाएं बीते कुछ वर्षों में संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुई हैं। अब इन मामलों को एक संगठित धर्मांतरण गिरोह से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे इलाके में चिंता और भय का माहौल है।
सूत्रों के अनुसार, खुफिया विभाग ने कई महीनों से इस नेटवर्क की गतिविधियों पर नजर रखी थी। जांच के दौरान यह संकेत मिले हैं कि अलीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से वंचित समुदायों की महिलाओं को लालच, भावनात्मक दबाव और शादी के झूठे वादों के ज़रिये निशाना बनाया गया। इसके बाद कथित रूप से उनका धर्म परिवर्तन कराया गया और उन्हें अन्य राज्यों में भेज दिया गया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लापता महिलाओं की जानकारी एकत्र कर ली गई है और इन मामलों को गंभीरता से जांचा जा रहा है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कुछ मामलों में महिलाओं से संपर्क करने के प्रयासों को भी बाधित किया गया, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है।
इस बीच, एनआईए और एटीएस जैसी केंद्रीय एजेंसियों को भी इस मामले में शामिल किया गया है। विशेष रूप से यह देखा जा रहा है कि क्या इस नेटवर्क का संबंध अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय संगठनों से है। स्थानीय पुलिस ने भी कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।